ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था में होगा सुधार, ओवर लोड फीडरों का संतुलन बनाने के लिए बनेंगे नए फीडर
विभाग की तरफ से ओवर लोड फीडरों का संतुलन बनाने के लिए नए फीडरों का प्रस्ताव भेजा गया है
गाँव लहरिया डेस्क
प्रतापगढ़ । क्षमता से अधिक भार झेल रहे फीडरों का संतुलन बनाया जाएगा। इसके लिए नए फीडर बनाए जाएंगे। चारों डिवीजन का सर्वे करने के बाद विभागीय टीम ने 85 नए फीडर बनाने का खाका तैयार किया है। अफसरों के अनुसार पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत 85 नए फीडर बनने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली में बड़ा बदलाव दिखेगा।
शहर में बिजली का रोस्टर 24 व गांवों में 18 घंटे का है। शहर में बिजली व्यवस्था काफी हद तक सही हो गई है, मगर ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था में अभी सुधार नहीं हो सका है। फीडर, पैनल, ट्रांसफारमर पर क्षमता से अधिक लोड है। एचटी व एलटी लाइनें भी बदहाल हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को रोस्टर के मुताबिक बिजली नहीं मिल पाती है।
सबसे ज्यादा दिक्कत गर्मी के मौसम में होती है। लोड बढ़ने पर बिजली व्यवस्था पटरी से उतर जाती है। उपभोक्ताओं को बिजली संकट से जूझना पड़ता है। फीडर फुंकने की समस्या अधिक रहती है। दरअसल, फीडरों पर क्षमता से अधिक लोड है। फीडर फुंकने के बाद उसे ठीक करने में भी काफी फजीहत होती है। उपकेंद्रों पर टेक्नीशियन पैनल नहीं है। इन्हें मुख्यालय से बुलवाया जाता है। इससे काफी समय लगता है। उनके भार को कम करने के लिए विभाग ने 85 नए फीडर बनाने की योजना तैयार की है।
पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत उन उपकेंद्रों की सूची तैयार की गई है जहां इन फीडरों को बनाया जाना है। जिले के चारों डिवीजन में 85 फीडरों का निर्माण होगा। विभागीय टीम की ओर से कागज की औपचारिकता पूर्ण कर ली गई है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही जिले की बिजली व्यवस्था में बड़ा बदलाव दिखेगा।
विभाग का मानना है कि नए फीडर बनने के बाद आपूर्ति व्यवस्था में दिक्कत नहीं आएगी। व्यवस्था में काफी सुधार होगा। अधीक्षण अभियंता सतपाल ने बताया कि ओवर लोड फीडरों का संतुलन बनाने के लिए नए फीडरों का प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द काम शुरू करा दिया जाएगा।