‘अफसर बिटिया’ के स्वागत को उमड़ पड़ा गाँव

ढ़ोल नगाड़े बजाकर मनाया जश्न

अंकित पाण्डेय गाँव लहरिया संवाददाता पट्टी  : लगन के साथ रणनीति बनाकर तैयारी करने से कोई भी सफलता हासिल की जा सकती है। लक्ष्य कितना भी बड़ा क्यों ना हो अनवरत प्रयास करने से उसे प्राप्त किया जा सकता है । यह कहना है उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाली तथा नायब तहसीलदार पद हासिल करने वाली श्वेता मिश्रा का । जिनके घर पहुंचने पर शुभचिंतकों गांव वालों तथा रिश्तेदारों ने भव्य स्वागत किया, और ढोल नगाड़े बजाए ।
पट्टी तहसील क्षेत्र के गड़ौरी गांव के रहने वाले सुशील कुमार मिश्रा पेशे से किसान हैं । खेतीवाड़ी के अलावा वह एक कंप्यूटर की दुकान भी चलाते हैं । बुधवार की शाम उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा का परिणाम आया तो उनकी पुत्री श्वेता मिश्रा परीक्षा में उत्तीर्ण होकर नायब तहसीलदार बन गई। प्रयागराज से गुरुवार की दोपहर घर पहुंचने पर ग्रामीणों रिश्तेदारों तथा शुभचिंतकों ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया। श्वेता मिश्रा के घर पहुंचने पर ढोल नगाड़े बजाए गए वही पटाखों की छोड़े गए।

पढ़ने में शुरू से श्वेता रही मेधावी, पिता के सपनो को किया साकार

पिता सुशील मिश्रा कहते हैं कि श्वेता मिश्रा शुरू से ही मेधावी रही। प्रारंभिक शिक्षा पट्टी नगर से हुई तो बीएससी घर के समीप महाविद्यालय से उत्तीर्ण किया । हमेशा परीक्षा में अब्बल रहने वाली श्वेता मिश्रा की मेधावी प्रतिभा को पिता सुशील मिश्रा पहचान गए थे , इसलिए वह श्वेता को पढ़ने के लिए प्रयागराज भेज दिया। जहां पर कोचिंग तथा सेल्फ स्टडी करके श्वेता ने परीक्षा में उत्तीर्ण करके समाज का नाम रोशन किया है।

केमिस्ट्री के रिएक्शन तथा सोसाइटी से इंटरव्यू में पूछे गए प्रश्न

श्वेता मिश्रा बताती हैं कि इंटरव्यू के दौरान केमिस्ट्री के रिएक्शन के संबंध में प्रश्न किए गए वही सोसाइटी में बढ़ रहे हैं विवाह विच्छेद के संबंध में भी प्रश्न पूछा गया कि विवाह विच्छेद होने का मुख्य कारण क्या है। साथ ही साथ साइंस ग्रुप से पढ़ाई करने बावजूद भी हिंदी लिटरेचर को वैकल्पिक विषय के रूप में रखने पर भी श्वेता से प्रश्न पूछे गए श्वेता ने बेबाकी से सभी प्रश्नों का उत्तर दिया।

लक्ष्य कितना भी बड़ा क्यों ना हो अनवरत प्रयास करने से उसे प्राप्त किया जा सकता है-श्वेता मिश्रा

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