धनतेरस 22 को इस दिन करिए ये काम हो जाएंगे धनवान

धनतेरस के दिन खरीदारी करने से घर मे सुख समृद्धि बनी रहती है

 

ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल  के अनुसार धर्म शास्त्र ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदारी करने से घर मे सुख समृद्धि बनी रहती है

भारतीय सनातन वैदिक पंचांग के अनुसार धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी​ तिथि को मनाते हैं। धनतेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर और धंवन्तरी देव की पूजा अर्चना करने का विधान है। इस दिन सोना, चांदी, अथवा किसी भी धातु का बर्तन खरीदना बहुत ही शुभकारी माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल के अनुसार धर्म शास्त्र ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदारी करने से घर मे सुख समृद्धि बनी रहती है और आती है। इस वर्ष धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर 2022दिन शनिवार प्रदोष काल में एवं 23अक्टूबर 2022 रविवार को भी मना सकते हैं इस वर्ष धनतेरस पर लगभग 27 वर्ष के बाद एक विशेष शुभ संयोग बन रहा है, जोकि धनतेरस दो दिन मना सकते हैं

धनतेरस की तिथि और खरीदारी का शुभ मुहूर्त

भारतीय वैदिक पंचाग के अनुसार इस वर्ष कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी ति​थि का प्रारंभ 22 अक्टूबर दिन शनिवार को शाम 04:32 बजे से हो रही हैं। वहीं 23 अक्टूबर की शाम 05:04 बजे तक त्रयोदशी तिथि समाप्त हो रही है। वहीं उदया तिथि के अनुसार 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाई जा सकती है

27 वर्ष बाद बन रहा शुभ संयोग

ज्योतिष पंचांग के अनुसार 27 वर्ष के बाद धनतेरस का मान दो तक रहने वाला है। क्योंकि त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर को शाम 04:32 बजे होगी और समापन 23 अक्टूबर को शाम 05:04 बजे होगा। ऐसे में पहले दिन प्रदोष काल (रात्रि) में और दूसरे दिन दिनभर खरीदारी होगी। वहीं इस दिन धनवंतरी देव की पूजा, मां लक्ष्मी और कुबेर का पूजन और सोना चांदी, बर्तन झाडू की खरीदारी कर शुभ एवं कल्याणकारी माना गया है उस दीपदान
(दीये) जलाने से होती है अक्षय पुण्य की प्राप्ति
पौराणिक धर्म शास्त्र ग्रंथों के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन उनकी पूजा अर्चना की जाती है। वहीं धनतेरस के दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीये जलाने चाहिए। क्योंकि धनतेरस से ही दीपावली के त्योहार की शुरुआत होती है। धनतेरस के दिन शाम के समय दीये जलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही कुबेर यंत्र, श्री यंत्र, झाड़ू और धनिया के बीज खरीदना सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।शुभ मंगलकारी होता है.

ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकेश शुक्ल
ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकेश शुक्ल

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