चुनाव के दौरान 2 लाख रूपये से अधिक नकदी पर देना होगा सपष्टीकरण : निर्देश जारी

उड़न दस्ते में टीम टीम करेगी निगरानी

नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये

अंकित पाण्डेय/रिपोर्टर 

प्रतापगढ़। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत एवं नगरीय निकाय) विनायक शुक्ल ने बताया है कि राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन-2022 के निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिये गये है।

उन्होने बताया है कि नगरीय निकाय निर्वाचन के दौरान प्रत्याशियों तथा उनके समर्थकों द्वारा मतदाताओं को प्रलोभित कर मतदान प्रभावित करने के उद्देश्य से नकद धनराशि के वितरण की शिकायतें प्राप्त होती रही है जिससे निर्वाचन के दौरान प्रत्याशियों के मध्य तनाव की भी स्थिति उत्पन्न होने की सम्भावना रहती है और इस प्रकार की सभी घटनाओं का सीधा प्रभाव निर्वाचन की शुचिता एवं निष्पक्षता पर पड़ता है। सभी घटनाओं पर पैनी नजर रखे जाने हेतु उड़न दस्ते गठन किये जायेगें। उड़न दस्ते के कार्य हेतु वीडियो कैमरा वीडियोग्राफर के साथ उपलब्ध कराया जायेगा तथा चेकिंग के समय सम्पूर्ण कार्यवाही की प्रारम्भ से अन्त तक वीडियो रिकार्डिंग की जायेगी और रिकार्डिंग की सीडी तैयार कराकर उसकी एक प्रति सम्बन्धित व्यक्ति को एवं एक प्रति जिला स्तरीय समिति को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायी जायेगी।

उड़न दस्ते के अतिरिक्त अन्य अधिकारी नकदी की बरामदगी के सम्बन्ध में किसी कार्यवाही के लिये अधिकृत नहीं होगें। प्रतीक आवंटन के दिनांक से ही नामित उड़न दस्ते वाहनों और व्यक्तियों की चेकिंग करेगें तथा मतदाताओं को प्रभावित करने हेतु उनके बीच रूपया, शराब या अन्य किसी वस्तु का वितरण करना, रिश्वत देना आदि के सम्बन्ध में जब्ती की कार्यवाही सुनिश्चित करेगें।

जिन जनपदों में मतदान समाप्त हो जायेगा, वहॉ पर मतदान की समाप्ति के तुरन्त पश्चात् चेकिंग की कार्यवाही बन्द कर दी जायेगी।

जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत एवं नगरीय निकाय) आवश्यकतानुसार अथवा निकायवार एक या अधिक समर्पित उड़न दस्ते गठित करेगें जो अवैध नकदी का आदान प्रदान, या शराब का वितरण या अन्य कोई संदेहास्पद वस्तुयें, जो मतदाताओं को घूस देने के लिये प्रयोग में लाई जा रही हो उसका पता लगायेगें।

उड़न दस्ते में टीम का प्रमुख एक वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट होगा, पुलिस स्टेशन का एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, एक वीडियोग्राफर और 3-4 सशस्त्र पुलिस कार्मिक होगें। उनको नकदी या सामान इत्यादि की जब्ती के लिये पूरी तरह समर्पित एक वाहन, मोबाइल फोन, एक वीडियो कैमरा और अपेक्षित पंचनामा दस्तावेज दिये जायेगें। जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत एवं नगरीय निकाय) आवश्यकतानुसार अथवा निकायवार एक या अधिक निगरानी टीम गठित करेगें। प्रत्येक टीम में एक मजिस्ट्रेट और तीन या चार पुलिस कार्मिक होगें।

यह टीम चेक पोस्ट बनायेगी और अपने क्षेत्र में भारी मात्रा में लाये जाने वाली नकदी, अवैध शराब, कोई संदेहास्पद वस्तु या शस्त्रों इत्यादि की आवाजाही पर निगरानी रखेगी। जांच की समस्त प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जायेगी। स्थैतिक निगरानी दलों के लोकेशन समय-समय पर बदले जायेगें जिससे कि अचरज का पुट बनाये रखा जा सके।
उन्होने बताया है कि यदि किसी व्यक्ति के कब्जे में 2 लाख रूपये से अधिक नकदी पायी जाती है, उसका कोई भी अभिलेख नहीं प्रस्तुत किया जाता है और संदेह का पर्याप्त आधार है कि इसका प्रयोग मतदाताओं को रिश्वत देने में किया जा सकता है तो उस धनराशि को जब्त कर लिया जायेगा और सम्बन्धित प्रावधानों के अधीन कार्यवाही की जायेगी। कार्यवाही की सूचना आयकर विभाग को भी दी जायेगी। नामित उड़न दस्ते द्वारा प्रतिदिन की गयी कार्यवाही का विवरण जिला स्तरीय कमेटी के सदस्य सचिव मुख्य विकास अधिकारी को उपलब्ध कराया जायेगा तथा जिला स्तरीय कमेटी द्वारा परीक्षण के उपरान्त आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने पश्चात् जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत एवं नगरीय निकाय) द्वारा जनता और राजनीतिक दलों से निर्वाचनों के दौरान निर्धारित मात्रा से अधिक नकदी के साथ संचरण न करने हेतु अपील प्रकाशित की जायेगी। यदि किसी निर्वाचन क्षेत्र में किसी व्यक्ति को किसी आवश्यक उद्देश्य से निर्धारित मात्रा से अधिक नकदी ले जाने की आवश्यकता पड़ती है तो उसे ले जाने के लिये उसके पास ऐसे धन के स्रोत और उसके प्रयोग का कारण बताने के लिये समुचित कागजात होने चाहियें।

निर्वाचन की अधिसूचना के उपरान्त जिला स्तर पर व्यय सीमा सम्बन्धी शिकायतें प्राप्त करने हेतु नियंत्रण कक्ष खोला जायेगा जिसमें एक वरिष्ठ अधिकारी प्रभारी के रूप में तैनात होगा। नियंत्रण कक्ष में दूरभाष की सुविधा उपलब्ध होगी जिसके नम्बर की सूचना दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से राजनैतिक दलों/उम्मीदवारों एवं आम जनता को दी जायेगी। निर्वाचन व्यय से सम्बन्धित जो भी शिकायतें प्राप्त होगी उस पर जिला स्तरीय समिति द्वारा अविलम्ब कार्यवाही की जायेगी। प्रतीक आवंटन के उपरान्त रिटर्निंग अधिकारी सभी प्रत्याशियों की बैठक करके व्यय सम्बन्धी नियमों एवं निर्देशों से उन्हें अवगतक रायेगें।

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