बीईओ ऑफिस में बैठकर धौंस जमाने वाले शिक्षकों के ऊपर कब लगेगी लगाम?

क्या आरटीई एक्ट का अनुपालन कराने में नाकामयाब हैं प्रतापगढ़ बीएसए?

गांव लहरिया न्यूज/मंगरौरा

शिक्षा के अधिकार कानून 2009 के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा अनिवार्य हो गई है। संविधान के अनुच्छेद 21A जोड़कर छह से चौदह वर्ष के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा मौलिक अधिकारों में शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 29 जुलाई 2011 को यह कानून उत्तर प्रदेश राज्य में लागू किया परंतु न्यायालय के कई आदेशों से स्पष्ट है कि शिक्षकों की योग्यता को लेकर यह कानून राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के साथ ही लागू हो गया है। शिक्षकों से कोई गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता है। क्योंकि इससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने आदेश जारी करके शिक्षकों को उनके मूल विद्यालय में वापस लौटने का आदेश जारी किया। प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक बीएसए कार्यालय, डायट और खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में बड़ी मात्रा में सम्बद्ध थे। जो कि वापस अपने अपने विद्यालयों को भेजे गए।

गाँव लहरिया के पास पुख्ता प्रमाण है की आज भी बहुत से शिक्षक बीईओ कार्यालय में बैठकर शिक्षकों के ऊपर धौस जमाते है

इसके बावजूद आज भी बहुत से शिक्षक बीईओ कार्यालय में बैठकर धौस जामते है और तो और ख़बर यह भी है की बीईओ के लिए वसूली भाई का कार्य भी करते हैं। कुछ जगहों पर तो शिक्षक बीईओ के साथ जाकर स्कूलों का निरीक्षण भी करते हैं एवम शिक्षकों की कमियों को पकड़कर वसूली का माध्यम भी बनते  हैं।

प्रतापगढ़ के मंगरौरा ब्लॉक के डुहिया प्रथम में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत बलराम पाठक के ऊपर गंभीर आरोप

 

गाँव लहरिया को सूचना देते हुए नाम ना छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि जनपद प्रतापगढ़ के विकास क्षेत्र मंगरौरा में शिक्षक बलराम पाठक प्राथमिक विद्यालय डुहिया प्रथम में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। बलराम पाठक विद्यालय समय में मंगरौरा की बीआरसी पूरे कोलाहल में उपस्थित रहकर बीईओ के पोर्टल का उपयोग करते हैं। जो सूचना सिर्फ बीईओ और उनके कर्मचारियों को ही ज्ञात हो सकती है। उन गोपनीय सूचनाओं को आधिकारिक व्हाट्सप ग्रुप में बलराम पाठक द्वारा भेजा जाता है। पाठक बकायदा व्हाट्सएप ग्रुप में शिक्षकों को आदेशित करते हैं एवम बीआरसी पर बुलाकर धौंस जमाते हैं। हर महीने की अटेंडेंस लॉक की सूचना बलराम पाठक भेजते हैं कि इतने विद्यालयों ने ही अटेंडेंस लॉक किया है। जिस तरह अपडेटेड सूची इनके द्वारा जारी की जाती है इससे सिद्ध होता है कि बीईओ की आईडी एवम पासवर्ड का उपयोग इनके द्वारा किया जाता है। तमाम शिक्षक इनके इस क्रियाकलाप से हैरान परेशान हैं। पता चला है कि वेतन बिल एवम वैरिएशन का कार्य भी इनके ही द्वारा किया जाता है। एरियर एवम वेतन के बहाने शिक्षकों पर धौस भी जमाया जाता है। ऐसा आरोप लगाया गया है।

क्या खंड शिक्षा अधिकारी के संरक्षण में हो रहा पूरा खेल?

अपना विद्यालय छोड़कर नौनीहालों को उनके शिक्षा के अधिकार. से वंचित कर बी आर सी कार्यालय में बैठकर व खंड शिक्षा अधिकारी के अधिकृत ग्रुप का प्रयोग करने की खुली छूट आखिरकार खंड शिक्षा अधिकारी ने क्यूँ दे रखी है??  क्या इन सब कार्यों में बीईओ का संरक्षण प्राप्त होता है? क्या आरटीई एक्ट का अनुपालन कराने में नाकामयाब हैं प्रतापगढ़ बीएसए?

क्या कहते हैँ शिक्षक बलराम पाठक??

शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षक नेता बलराम पाठक ने गाँव लहरिया से बात चीत के दौरान बताया कि गाँव लहरिया पर चली ख़बर तथ्यपरक नहीं है। शिक्षक संघ के नेता होने के कारण कुछ विरोधी मेरी छवि को नुकसान पहुंचना चाहते है इसलिए उन्होने गाँव लहरिया को भ्रमित करने वाली जानकारी दी।

गाँव लहरिया न्यूज़ लगातार ऐसे मामलों की पड़ताल कर शिक्षक के पद को धूल धूसरित करते व नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड करते शिक्षकों व अधिकारियों के खिलाफ बुलंद आवाज उठाती रहेगी। यदि आपके संज्ञान में भी ऐसा कोई मामला हो तो कमेंट कर हमें बतायें।

Related Articles

Back to top button