69000 शिक्षक भर्ती में अब क्या होगा??

इलाहाबाद हाई कोर्ट के सूची पुनरीक्षित करने के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई रोक 

गाँव लहरिया न्यूज़/डेस्क

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दो न्यायमूर्तियों की पीठ ने 69000 भर्ती में शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षित वर्ग के लिए निर्धारित उत्तीर्ण अंक पाकर पात्र हुए अभ्यर्थियों को यदि वे फाइनल मेरिट में अनारक्षित में जा रहे हैं तो उनको अनारक्षित में भेजकर सूची को पुनरीक्षित अर्थात रिविजिट करने का आदेश दिया है। जिसपर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है।

“मामले में अनारक्षित वर्ग के नौकरी पा चुके शिक्षकों के तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखने वाले पट्टी नगर के ही निवासी अधिवक्ता शिवम सिंह ने बताया कि एकल पीठ ने भी रिविज का आदेश किया था। अपने जवाबी हलफनामे में बेसिक शिक्षा परिषद के निदेशक ने बताया था कि आरक्षित वर्ग को अनारक्षित में माइग्रेट किया गया है। मगर आरक्षण लगाने में चूक हो गई है।

इसलिए सुधार के बाद 6800 आरक्षित को और नौकरी देनी पड़ रही है। जिसपर एकल पीठ ने 6800 की सूची रद्द करके जो आरक्षित वर्ग अनारक्षित का उत्तीर्ण अंक शिक्षक भर्ती परीक्षा में नहीं पा सके हैं उनका माइग्रेशन रोक कर सूची बनाने का आदेश किया है। मगर दो जजों की पीठ ने माइग्रेशन एलाऊ कर दिया है। जब माइग्रेशन एलाऊ हो गया है तो अब रिविजिट की आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि माइग्रेशन तो पहले ही हुआ है। जिला स्तरीय चयन सूची को नकार कर प्रदेश स्तरीय सूची नहीं बनाई जा सकती है। जबकि राज्य स्तरीय सूची बनेगी तभी वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की नौकरी पर खतरा आएगा।”

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