दिल का दरवाजा कहानी संग्रह का हुआ लोकार्पण
डॉ. अर्जुन पांडेय को "अवध गौरव सम्मान"
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कहानियों से मनुष्य को बेहतर मनुष्य बनने की सीख मिलती है – डॉ. आद्या प्रसाद
प्रतापगढ़। नगर से सटे पूरे ईश्वर नाथ ग्राम में जनपद के वरिष्ठ कथाकार प्रेम कुमार त्रिपाठी के छठवें कहानी संग्रह ‘दिल का दरवाजा’ का भव्य लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर एक कहानी गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन भी संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन-अर्चन से हुआ। वाणी वंदना का सस्वर पाठ कवि लाल जी व्यथित ने किया, जबकि कार्यक्रम का कुशल संचालन राकेश कनौजिया ने किया।
वरिष्ठ साहित्यकारों ने की सराहना
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुलतानपुर के वरिष्ठ कथाकार लोक भूषण डॉ. आद्या प्रसाद सिंह ‘प्रदीप’ ने कहा कि प्रेम कुमार की कहानियों से मनुष्य को बेहतर मनुष्य बनने की सीख मिलती है।
सृजना संस्था के अध्यक्ष डॉ. दयाराम मौर्य ‘रत्न’ ने कहा, “प्रेम कुमार ने जनपद में कहानी परंपरा को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। वे ‘बेल्हा के प्रेमचंद’ हैं।”
अवधी साहित्य संस्थान, अमेठी के अध्यक्ष डॉ. अर्जुन पांडेय ने कहा, “प्रेम कुमार ने प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपने पूर्वजों को याद करने का महनीय कार्य किया है।”
सुलतानपुर के प्रसिद्ध कथाकार दिनेश प्रताप सिंह ‘चित्रेश’ ने कहा कि प्रेम कुमार के जीवन अनुभव व्यापक हैं, उनकी कथा भूमि किसी एक सीमा तक सीमित नहीं है।
‘दिल का दरवाजा’ के समीक्षक-कथाकार सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा, “जब दिल का दरवाजा खुल जाता है, तो व्यक्ति नर से नारायण हो जाता है। प्रेम कुमार की कहानियों में मानवीय संबंधों को विशेष महत्व मिला है।”
सम्मानित हुए प्रतिष्ठित साहित्यकार
इस कार्यक्रम में अनेक विद्वानों ने कहानियों पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जिनमें प्रमुख रूप से पवन कुमार सिंह, डॉ. श्याम शंकर शुक्ल ‘श्याम’, रोशन लाल उमरवैश्य, डॉ. शाहिदा, राजेश कुमार मिश्रा, राज नारायण शुक्ला, राजन शुक्ला, अमित शुक्ला, जगदंबा प्रसाद तिवारी और अभिमन्यु पांडे आदि उपस्थित रहे।इस अवसर पर डॉ. आद्या प्रसाद सिंह, सुरेश चंद्र शर्मा और दिनेश प्रताप सिंह को “मुंशी प्रेमचंद कथा सम्राट सम्मान”, जबकि डॉ. अर्जुन पांडेय को “अवध गौरव सम्मान” से नवाजा गया।कथाकार प्रेम कुमार त्रिपाठी को “साहित्य गौरव सम्मान” से सृजना संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया।
समारोह में रही साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में अखिल नारायण सिंह, अरुण ओझा, कुंज बिहारी लाल ‘काका’, अमरनाथ गुप्ता, परमानंद मिश्रा, शिवेश शुक्ल, अनूप त्रिपाठी और संजय शुक्ला आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।अंत में कार्यक्रम की संयोजिका माया त्रिपाठी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
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