From Margins to Mainstream” – महिला सशक्तिकरण की प्रेरणादायक यात्रा

महिला सशक्तिकरण और जमीनी स्तर पर किए गए प्रयासों को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत करती डॉ. सौम्यता पांडे की पुस्तक “From Margins to Mainstream” भारतीय महिलाओं के उत्थान की वास्तविक गाथा है। पार्थ पब्लिकेशन, देहरादून द्वारा प्रकाशित यह ग्रंथ उन लोगों के लिए अनमोल मार्गदर्शक सिद्ध होगी जो समाज में लैंगिक समानता और महिला अधिकारों को लेकर चिंतनशील हैं।
पुस्तक की विशेषताएँ:
1. जमीनी प्रयासों का विश्लेषण: यह पुस्तक भारत में विभिन्न महिला संगठन और उनके प्रभाव को विस्तार से प्रस्तुत करती है।
2. महिला उत्थान के सामाजिक पहलू: इसमें सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महिला सशक्तिकरण की गहन समीक्षा की गई है।
3. वैज्ञानिक और शोधपरक दृष्टिकोण: डेटा-आधारित विश्लेषण के साथ पुस्तक में संवेदी और गुणात्मक अध्ययन का संतुलन है।
4. नीतिगत अनुशंसाएँ: यह पुस्तक केवल समस्या को दर्शाने तक सीमित नहीं है, बल्कि महिला विकास के लिए नीतिगत सुझाव भी प्रस्तुत करती है।
लेखिका के बारे में:
डॉ. सौम्यता पांडे एक समर्पित शिक्षाविद और शोधकर्ता हैं, जिनका शोध कार्य लैंगिक समानता और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर केंद्रित है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएच.डी. प्राप्त की है और उनकी शोधवृत्ति में महिलाओं के संगठन और उनके सामाजिक सशक्तिकरण पर महत्वपूर्ण अध्ययन शामिल हैं।
उन्हें ICSSR पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप प्रदान की गई, जिसके अंतर्गत उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति पर शोध किया। वे दून विश्वविद्यालय, उत्तराखंड में मानवशास्त्र विभाग में संकाय सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। उनका शोध मल्टीडायमेंशनल डेटा विश्लेषण को समाहित करता है और संवेदनशील मुद्दों पर सटीक जानकारी संकलित करने की उनकी क्षमता उनके कार्य को और प्रभावी बनाती है।
पार्थ पब्लिकेशन: गुणवत्ता और शोध का प्रतीक
पार्थ पब्लिकेशन, देहरादून हमेशा से समाजोपयोगी और शोध-आधारित पुस्तकों को प्रकाशित करने के लिए जाना जाता है। यह प्रकाशन संस्थान उन लेखकों को प्रोत्साहित करता है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए समर्पित हैं।
निष्कर्ष
“From Margins to Mainstream” उन पाठकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पुस्तक है जो महिलाओं के वास्तविक सशक्तिकरण को समझना चाहते हैं। शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नीति-निर्माताओं के लिए यह पुस्तक अनिवार्य रूप से पढ़ने योग्य है। पार्थ पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी योगदान के रूप में देखी जा सकती है।