तो क्या? पट्टी नगर में विकास कार्य ठप, सिर्फ भौकाल और फोटोग्राफी

वार्ड नंबर 10 और 2 से भी उठा चेयर मैन अशोक जायसवाल के खिलाफ विरोध का स्वर

गाँव लहरिया न्यूज़/पट्टी

पट्टी नगर पंचायत में विकास कार्यों को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। नगरवासियों का कहना है कि नगर में न तो कोई ठोस विकास कार्य हो रहा है और न ही जनता की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। लोग आरोप लगा रहे हैं कि नगर पंचायत में 7 करोड़ रुपये विकास के लिए आवंटित किए गए, लेकिन धरातल पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। सिर्फ भौकाल और फोटोग्राफी का खेल चल रहा है।

सभासद संतोष पुष्पाकर ने खोला मोर्चा

विवाद तब और गहरा गया जब नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक कुमार जायसवाल ने अपने ही सभासद संतोष पुष्पाकर के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई करवाई। जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत कर्मचारियों ने शाम को अतिक्रमण हटाने का नोटिस थमाया और अगली सुबह बिना किसी सुनवाई के बुलडोजर लेकर पहुँच गए। बुलडोजर कार्यवाही के दौरान सभासद संतोष पुष्पाकर ने मीडिया के सामने रोते हुए अपनी आपबीती बताई और आरोप लगाया कि चेयरमैन उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रहे हैं।

क्या बोले चेयरमैन अशोक जायसवाल

चेयरमैन अशोक जायसवाल ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभासद ने सरकारी तालाब की भूमि पर अतिक्रमण किया था, जिसे हटाने के लिए विधिक कार्रवाई की गई। इसके जवाब में सभासद संतोष पुष्पाकर ने कहा कि विवादित भूमि उनके स्वामित्व की है और उसके कागजात उनके पास हैं। तालाब का निर्माण पूर्व में पूरा हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर में तमाम प्रभावशाली लोगों ने तालाब और अन्य सरकारी ज़मीनों पर कब्जा कर रखा है, लेकिन चेयरमैन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।

वार्ड नंबर 10 और 2 से भी उठा विरोध का स्वर

यह प्रकरण सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। नगर के नागरिक अतुल सिंह ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “पट्टी नगर के 10 वार्डों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। 7 करोड़ रुपये आए हैं लेकिन चेयरमैन कब और कहाँ खर्च करेंगे, यह कोई नहीं जानता।” वहीं वार्ड नंबर दो के निवासियों ने शिकायत की कि महीनों से नाली का गड्ढा खोदकर अधूरा छोड़ दिया गया है, जिससे आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है लेकिन चेयरमैन तक सुनवाई नहीं हो रही।

उठ रहा कार्यशैली पर सवाल

नगरवासियों का कहना है कि नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक जायसवाल ने चुनाव के समय पट्टी को दुल्हन की तरह सजाने का वादा किया था, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। अब लोग उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाने लगे हैं और पारदर्शी विकास की माँग कर रहे हैं।

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