दिलीपपुर पुलिस का दोहरा रवैया: जानलेवा हमले के बावजूद पीड़ित को ही बना दिया आरोपी

अदालत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर जताई सख्त नाराजगी

गाँव लहरिया न्यूज़/बेलखरनाथ धाम (प्रतिनिधि)।

ब्लाक परिसर में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अजीत पांडेय पर हुए हमले का मामला अब सियासी रंग लेता जा रहा है। दिलीपपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि एक ओर जहां मेडिकल रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज में हमले की पुष्टि हुई, वहीं दूसरी ओर पुलिस ने वादी अजीत पांडेय को ही आरोपी बना डाला। कानून के जानकारों का मानना है कि बिना जांच के वादी को आरोपी बनाना कानून का मज़ाक है। मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है।”

क्या था पूरा मामला?

घटना 4 अप्रैल की है जब कधंई थाना क्षेत्र के वीरमऊ विशुन दत्त गांव निवासी व पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अजीत पांडेय किसी कार्य से ब्लाक बेलखरनाथ परिसर पहुंचे थे। वहीं कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। अजीत पांडे की तहरीर पर पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद मेडिकल कराया और मुकदमा दर्ज कर लिया।

पलट गई पुलिस की भूमिका

अगले ही दिन कथित रूप से कुछ स्थानीय नेताओं और ग्राम प्रधानों के दबाव में, और मोटी रकम के लेन-देन के आरोपों के बीच, पुलिस ने पीड़ित को ही आरोपी बना दिया। यही नहीं, दोनों पक्षों को हिरासत में लेकर मामला रफा-दफा करने का प्रयास किया गया।

पीड़ित को ही बना दिया आरोपी तो न्यायालय ने पुलिस को लगाई फटकार

जब पीड़ित पक्ष को पुलिस ने रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत किया तो कोर्ट ने का रुख किया तो न्यायालय ने पुलिस की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई। और  अधिवक्ताओं ने तर्क रखा कि अजीत पांडे का बाकायदा मेडिकल हुआ है, जिसमें चोट की पुष्टि हुई है। इसके अलावा ब्लॉक परिसर में लगे सीसीटीवी में भी हमले की पूरी घटना रिकॉर्ड है।

“हम इंसाफ की उम्मीद लेकर पुलिस के पास गए थे, लेकिन उल्टा हमें ही आरोपी बना दिया गया। न्यायालय में अब सच सामने आ रहा है। – अजीत पांडेय, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य।

अब क्या?

दूसरे आरोपी की तलाश में दिलीपपुर पुलिस दबिश दे रही है, लेकिन पुलिस की भूमिका को लेकर जनता में भारी आक्रोश है। लोगों ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

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