“भारतीय विधिक प्रणाली में सामाजिक न्याय के संदर्भ में पर्यावरण की गति” पुस्तक का ओआईएमटी ऋषिकेश में हुआ भव्य विमोचन
पार्थ प्रकाशन की एक और महत्वपूर्ण शोध-आधारित कृति का हुआ लोकार्पण

गाँव लहरिया प्रतिनिधि /देहरादून/ऋषिकेश।
पर्यावरण और सामाजिक न्याय जैसे ज्वलंत विषयों पर केंद्रित “भारतीय विधिक प्रणाली में सामाजिक न्याय के संदर्भ में पर्यावरण की गति” (Dynamics of Environment in Social Justice Under Indian Legal System) पुस्तक का विमोचन समारोह ओंकारानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (OIMT), ऋषिकेश में अत्यंत गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ।इस बहुप्रतीक्षित पुस्तक का संपादन डॉ. प्रवीन कुमार राठी एवं डॉ. अंजुम परवेज़ द्वारा किया गया है। यह पुस्तक भारतीय विधिक प्रणाली में पर्यावरणीय मुद्दों और सामाजिक न्याय के अंतर्संबंधों को गहराई से विश्लेषित करती है। इसमें विधिक विश्लेषण, केस स्टडीज़ और नीतिगत दृष्टिकोण का समावेश किया गया है, जिससे यह विधि क्षेत्र के शोधार्थियों, अधिवक्ताओं और शिक्षाविदों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है।विमोचन समारोह में अनेक विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. प्रवीन कुमार राठी, निदेशक, OIMT डॉ. रितेश चौधरी, रजिस्ट्रार, OIMT, एवं श्रीमती वैद्य, अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष, परमहंस ओंकारानंद एजुकेशनल ट्रस्ट उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशेष आकर्षण रहीं उत्तराखंड की प्रथम महिला बॉडीबिल्डर सुश्री प्रतिभा थपलियाल, जिनकी प्रेरणादायी उपस्थिति ने समारोह को उत्साह और ऊर्जा से भर दिया।
पार्थ प्रकाशन, देहरादून ने इस अवसर पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुस्तक न केवल विधिक विमर्श को समृद्ध करती है, बल्कि सतत विकास, पर्यावरणीय चेतना और सामाजिक न्याय के प्रति समाज को जागरूक करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है।प्रकाशन समूह ने समस्त शोधार्थियों, विधिवेत्ताओं एवं समाजसेवियों से आह्वान किया कि वे इस पुस्तक को पढ़ें और पर्यावरणीय न्याय व विधिक सुधारों पर गंभीर संवाद को आगे बढ़ाएं।यह अवसर ज्ञान, न्याय और सृजनात्मक अभिव्यक्ति के संगम का प्रतीक बना।