जोखिम में जान : बेलखरनाथ धाम की लापरवाह स्टाफ नर्स को मिला ‘अभयदान’!

गाँव लहरिया प्रतिनिधि/ बाबा बेलखरनाथधाम
24 फरवरी की रात बेलखरनाथ धाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में एक प्रसूता की मौत हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स की लापरवाही पर डाली गई। इसके बावजूद, आज तक उस स्टाफ नर्स के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
कधंई थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने सीएचसी में बेटी को जन्म दिया, लेकिन प्रसव के दौरान बिगड़े हालात को गंभीरता से न लेकर समय पर रिफर न करने की लापरवाही भारी पड़ी और महिला की मौत महिला अस्पताल में हो गई। इस घटना के बाद पीड़ित पति ने सीएचसी से लेकर महिला अस्पताल तक जमकर हंगामा किया, लेकिन जिम्मेदारों पर कार्रवाई के नाम पर केवल ‘औपचारिकता’ निभाई गई।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. आरिफ हुसैन ने स्वयं मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को पत्र लिखकर कार्रवाई की संस्तुति की थी, लेकिन मामला रफादफा करने के लिए स्टाफ नर्स और मृतका के पति के बीच ‘समझौता’ करा दिया गया। यहां तक कि CMO कार्यालय में स्टाफ नर्स से औपचारिक बयान दर्ज करवाकर फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
सवाल उठता है – आखिर क्यों नहीं हुई कार्रवाई? किस दबाव में रुक गई जांच? क्या मोटी रकम लेकर मामले को दबा दिया गया?वहीं दूसरी ओर, कोहंडौर CHC में एक नवजात की मौत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए एक अन्य स्टाफ नर्स को अमरगढ़ सीएचसी तबादला कर दिया गया। ऐसे में बेलखरनाथ धाम की स्टाफ नर्स को ‘क्लीन चिट’ मिलना और दूसरी जगह की नर्स पर गाज गिरना, स्वास्थ्य महकमे की दोहरी नीति को उजागर करता है।
पीड़ित पति ने मुख्यमंत्री पोर्टल सहित तमाम उच्च अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन न्याय अब भी अधर में है। जिलेभर में चर्चा का विषय बना यह मामला अब जनता के बीच आक्रोश का कारण बन रहा है।
क्या लापरवाही से मौत के जिम्मेदारों को यूं ही बचने दिया जाएगा? क्या सरकारी अस्पतालों में आम जनता की जान की कीमत सिर्फ एक समझौते या पैसे से तय होगी।