तरुण चेतना द्वारा आयोजित कार्यशाला में कन्या भ्रूण हत्या रोकने पर चर्चा

*क्या मिलेगा कोख में बेटी को मार कर–नसीम अंसारी*

गाँव लहरिया /पट्टी

यूपीसीइजी० व फावा नेटवर्क के निर्देशन में तरुण चेतना द्वारा आज राजकीय बालिका इंटर कालेज पट्टी में कन्या भ्रूण हत्या व गिरते लिंगानुपात पर कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें पीसीपीएनडीटी एक्ट व उसके सामाजिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई I

इस अवसर पर तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने गीत के माध्यम से चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि “ज़माने भर की हों दौलत गर पास में लेकिन, मगर बेटी न हो घर में, तो घर अच्छा नहीं लगता II रोज तू जीवित रहेगा, खुद से हार कर, क्या मिलेगा कोख में, बेटी को मार कर II” श्री अंसारी ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 912 महिलाएँ थी किन्तु सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट के कड़ाई से पालन होने के कारण 2021 में नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे- 05 की रिपोर्ट के अनुसार प्रति 1000 पुरुषों पर 1017 महिलाएँ हो गई इसके बावजूद, देश में जन्म के समय लिंगानुपात पर गौर करें तो पितृ सत्तात्मक सोंच के कारण कन्या-भ्रूण हत्या जैसा अमानवीय कृत्य 21वीं सदी में भी जारी है, वैसे तो देश में बच्चियों को बचाने की मुहिम लंबे समय से जारी है किन्तु अभी भी कई क्षेत्रों में अल्ट्रासाउंड केद्र के माध्यम से लिंग जाँच आज भी जारी है जिससे कन्या भ्रूण हत्या को बढावा मिल रहा है जिस पर अंकुश लगाना आवश्यक है I श्री अंसारी ने जेंडर भेदभाव पर चर्चा करते हुए कहा कि घरों व खेतों में सबसे ज्यादा काम महिलाएँ करती है परन्तु उन्हें उनकी वास्तविक पहचान नहीं मिलती इसी तरह कोई अनहोनी होने पर बेटियों पर ही अंकुश लगाया जाता है जबकि इसके जिम्मेदार लड़के होते है I हमें आगे बढकर इस तरह की सोंच पर रोक लगानी होगी जिससे लड़कियों की शिक्षा व उनका विकास बाधित न हो सके और हमारा समाज एक स्वस्थ्य और विकसित समाज बन सके I

इस अवसर पर कालेज की शिक्षिका अर्पणा देवी ने कहा कि बेटियों को अपने अन्दर हिम्मत जगाना होगा तभी हम बेटियों और महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा का सामना डट कर सकते है I इस अवसर पर कालेज की उप प्रधानाचार्या अर्चना भारद्वाज ने कहा की बेटियाँ यदि शिक्षित होगी तभी वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होगी और जागरूकता से ही बेटियाँ अपनी पहचान और सम्मान पा सकती है I

इस अवसर पर तरुण चेतना के रिसर्च आफिसर श्याम शंकर शुक्ल ने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जिससे समाज में सशक्तिकरण लाया जा सकता है इसलिए बालिकाओं की शिक्षा अति आवश्यक है इसी क्रम में तरुण चेतना के सह निदेशक हकीम अंसारी ने कहा की बेटियों को चाँद की तरह नम नहीं सूरज की तरह तेज होना चाहिए जिससे कोई उनका सामना न कर सके I कार्यक्रम के अंत में सभी ने कन्या भ्रूण हत्या न करने व इसे रोकने की शपथ ली I इस अवसर पर कालेज की शिक्षिका कंचन मिश्रा,पुष्पा वर्मा,पूजा गुप्ता,रीना,रेनू गुप्ता एवं तरुण चेतना की एफ एफ हुसनारा बानो और शहीद अहमद आदि उपस्थित रहे I

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