सरकारी अस्पताल में महिला दलालों से त्रस्त है तीमारदार

आधा दर्जन तीमारदारों ने लगाए वसूली के आरोप, प्रसव के बाद लिया जा रहा अवैध शुल्क

गाँव लहरिया न्यूज़/पट्टी

बाबा बेलखरनाथ धाम स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर खुलेआम गरीबों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। आरोप है कि यहां पिछले दो वर्षों से कुछ तथाकथित महिला दलाल सक्रिय हैं, जो प्रसव कक्ष के आसपास डेरा जमाए रहती हैं और हर प्रसव के बाद तीमारदारों से अवैध वसूली करती हैं।

आधा दर्जन से अधिक तीमारदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने प्रसव के लिए जब सीएचसी में महिलाओं को भर्ती कराया, तो सफल प्रसव के बाद स्टाफ ने दो हजार रुपये की मांग की। इसके अतिरिक्त, वहां मौजूद दाई ने भी पांच सौ से एक हजार रुपये तक की डिमांड कर दी। पैसे देने में आनाकानी करने पर परिजनों के साथ दुर्व्यवहार और बदसलूकी की गई।

स्थानीय सरखेल पुर गांव की एक महिला के प्रसव के दौरान दो महीने पूर्व इसी तरह की वसूली पर विवाद इतना बढ़ा कि हाथापाई की नौबत आ गई। उस समय भी तथाकथित महिला दलाल की भूमिका सामने आई थी, लेकिन शिकायत के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। मामला अधीक्षक तक गया, परन्तु हर बार की तरह यह भी “ढाक के तीन पात” साबित हुआ।

स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी जहां एक ओर सरकारी अस्पतालों को भ्रष्टाचार मुक्त और आमजन के लिए भरोसेमंद बनाने की बातें करते नहीं थकते, वहीं जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है। आरोप है कि इन महिला दलालों की सांठगांठ निजी अस्पतालों से भी है, जिससे जरूरतमंदों को बहला-फुसलाकर महंगे इलाज के लिए भेजा जाता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएचसी में महिला दलालों का दबदबा इतना है कि उन्हें कोई टोकने की हिम्मत नहीं करता। स्वास्थ्य केंद्र की छवि पूरी तरह से धूमिल हो चुकी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई करेंगे, या फिर गरीबों की जेब पर यह अवैध डाका यूं ही पड़ता रहेगा?

Related Articles

Back to top button