आंगनबाड़ी केंद्र में व्याप्त भ्रस्टाचार को उजागर करने पर मिली एस.सी.एस.टी. में फ़साने की धमकी

फर्जी एससीएसटी की धमकी के मामले में पीड़ित ने जिलाधिकारी को दिया शिकायती पत्र
सम्पूर्ण समाधान दिवस पर पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार

गाँव लहरिया न्यूज/मानवेन्द्र प्रताप सिंह ‘माना’

पट्टी । आंगनबाड़ी केंद्र में हो रही धांधली के संबंध में शिकायत करना एक परिवार के लिए भारी साबित हो रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकत्री अनुसूचित जाति होने के कारण फर्जी तरीके से मुकदमा कायम करने की बात कह रही है, जिससे परिवार डरा सहमा हुआ है । पीड़ित परिवार ने इस संबंध में शनिवार को पट्टी तहसील में आयोजित समाधान दिवस के अवसर पर प्रार्थना पत्र लिखकर मामले में इंसाफ की गुहार लगाई है तथा फर्जी तरीके से की जा रही कार्रवाई को रोकने की मांग की है । पट्टी तहसील क्षेत्र के पूरे सुखचैन गांव के रमापति पांडे पुत्र राम शिरोमणि पांडे ने सम्पूर्ण समाधान दिवस पर जिलाधिकारी नितिन बंसल को एक प्रार्थना पत्र दिया जिसमें उन्होंने बताया कि उनके गांव की आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा कम राशन देने के मामले में इसकी शिकायत आला अधिकारियों से किया था जिससे आंगनबाड़ी कार्यकत्री नाराज रहने लगी। 6 जनवरी को प्रार्थी जब राशन लेने गया तो राशन कम मिलने पर सादगी से इसके बारे में पूछा तो उक्त महिला भड़क गई और गाली देने लगे तथा कुछ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को इकट्ठा करके फर्जी तरीके से शिकायती पत्र देकर झूठे मुकदमे में अनुसूचित जाति का मामला लगाकर फंसाने की धमकी देने लगी। सीधा-साधा डरा सहमा परिवार इस मामले से टूट गया जिस के संबंध में पीड़ित रमापति पांडे ने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र देकर मामले में इंसाफ की गुहार लगाई है

फर्जी मामलों से बेगुनाहों में बनता है भय का माहौल

फर्जी तरीके से एससी एसटी के मामलों में अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में धमकी दी जाती है जिससे सीधे-साधे लोग डर कर पीछे हट जाते हैं पीड़ित रमापति का दोष सिर्फ इतना है कि उन्होंने गलत करने वालों के विरुद्ध शिकायत किया था आंगनबाड़ी कार्यकत्री अक्सर लोगों को कानून का धौस दिखाकर अपने विरुद्ध कोई भी शिकायती पत्र नहीं देने देती है।

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है महत्वपूर्ण

इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने हाल में है अपना एक जजमेंट सुनाते हुए कहा कि कानून का प्रयोग एक ढाल के रूप में किया जाए इसे हथियार ना बनाया जाए लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ सिद्ध के लिए समाज में भय कायम करने के उद्देश्य से ऐसे कानून का दुरुपयोग करते हुए हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं जिससे सामाजिक समरसता में बाधा आ जाती है।

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