गुरु प्रदोष व्रत 19 को, भगवान शिव की उपासना का है विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकेश शुक्ल

प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव भोलेनाथ अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. उनकी पूजा-अर्चना से गुरुवार को प्रदोष व्रत रखने से मनचाही इच्छा पूरी होती है. संतान संबंधी किसी प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की द्वादशी \त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और उनकी कृपा से सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल तथा ज्योतिर्विद प्रीत अरोड़ा  ने बताया की गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष कहा जाता है. ज्योतिषविदों का कहना है कि माघ मास के गुरु प्रदोष व्रत की महिमा और महत्व बहुत अधिक होता है

गुरु प्रदोष व्रत की तिथि

 

ज्योतिर्विद प्रीत अरोड़ा

हिंदू सनातन धर्म के पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरु प्रदोष व्रत पड़ रहा है. त्रयोदशी तिथि 19 जनवरी को दोपहर करीब 1 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 20 जनवरी को सुबह करीब 9 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में गुरु प्रदोष व्रत 19 जनवरी 2023 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. 19 जनवरी के गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 48 मिनट से लेकर रात्रि 07 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.

गुरु प्रदोष के दिन व्रत पूजा करने से जातक की सभी मनोकामना पूर्ण होती है तथा शत्रु और विरोधी शांत होते हैं.

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