प्रतापगढ़ : कोटे के राशन में मिला प्लास्टिक नुमा चावल, ग्रामीण परेशान

गाँव लहरिया न्यूज /शाबरीन बानों

पूरे पाण्डेय दीवानगंज में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंचे मोटे आकार के प्लास्टिक नुमा चावल की आपूर्ति से हड़कंप मचा हुआ है । उपयोग में लाये जा रहे चावल से भिन्न दिख रहे इस प्लास्टिक नुमा चावल का स्वाद ठीक नहीं बताया जा रहा है।  देखें  वीडियो …..

असली चावल के साथ मिलाकर बाजारों में बिकने वाला नकली यानि प्लास्ट‍िक का चावल, असली चावल में इस कदर मिल जाता है, कि आप इसके रूप, रंग, आकार और यहां तक कि स्वाद में भी फर्क नहीं कर पाएंगे। चीन से आने वाला यह प्लास्टिक चावल दिखने में बिल्कुल असली चावल की तरह ही दिखाई देता है। और तो और पकने के बाद भी आप प्लास्ट‍िक चावल और असली चावल में फर्क नहीं कर सकते। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस चावल को खाने से आप कैंसर जैसी भयानक बीमारी के शिकार हो सकते हैं। लेकिन उससे भी पहले आप शिकार हो सकते हैं,पेट की बीमारियों के…। एक कटोरी प्लास्टिक चावल, एक बैग पॉलीथि‍न के बराबर होता है। जरा सोचिए…. प्लास्टिक या पॉलीथि‍न को खाने के बाद, पेट की क्या हालत होगी ? यह ना तो पचता है, और ना ही सड़ता है।

ऐसे करें असली नकली चावल की पहचान

प्लास्टिक चावल के इन सभी दुष्परिणामों से बचने के लिए इस चावल की पहचान करना बेहद आवश्यक है। अब सवाल यह उठता है, कि प्लास्टिक चावल की पहचान कैसे करें ..। हम आपको बता रहें हैं, कि आखिर कैसे पहचानें प्लास्टिक चावल को। ऐसे करें पहचान –

चमक – जब आप चावल को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे प्लास्टिक के चावल असली चावल की तुलना में ज्यादा चमकीला नजर आता है।

आकार – अगर दो तरह के नकली चावलों को एक साथ मिलकर देखेंगें, तो सारे चावलों की मोटाई और आकार, एक जैसा ही दिखाई देगा।

वजन – नकली चावल का वजन असली की तुलना में हल्का होता है, इसीलिए तौलने पर न‍कली चावल की मात्रा अधिक होगी।

भूसी – नकली चावल बिल्कुल साफ सुथरा होगा, जबकि असली चावल में कहीं न कहीं धान की भूसी मिल ही जाएगी।

खुशबू – चावल को पकाते वक्त उसे सूंघ कर देखें। प्लास्टिक चावल पकते वक्त,बिल्कुल प्लास्टिक की तरह महकते हैं ।

कच्चापन- प्लास्टिक चावल काफी देर तक पकाने के बाद भी ठीक से नहीं पकता, जबकि असली चावल अच्छी तरह से पक जाता है।

मांड- प्लास्टिक चावल को पकाने के बाद, बचे हुए उसके पानी यानि मांड पर सफेद रंग की परत जम जाती है, जबकि असली चावल में ऐसा नहीं होता।

अगर इस मांड को कुछ देर तक धूप में रख दिया जाए, तो यह पूरी तरह से प्लास्टिक बन जाता है, जिसे जलाया भी जा सकता है। यह एक बेहतर तरीका है, प्लास्टिक चावल को पहचानने का ।

भि‍गोते वक्त ध्यान रखें, प्लास्ट‍िक चावल पानी में नहीं तैरता क्‍योंकि यह सौ फीसदी प्‍लास्‍टिक नहीं होता, इसमें आलू और शकरकंद भी मिला होता है। जबकि कुछ असली चावल पानी में तैरते हैं।

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