आज है सोमवती अमावस्या, जाने क्या है पूजा विधि
आज सोमवती अमावस्या है। सनातन धर्म में इस अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। यह साल में लगभग एक या दो ही बार पड़ती है और इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान व दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि किसी की कुंडली में पितृ दोष है तो इस दिन स्नान, दान करने से मुक्ति मिलती है। साथ ही कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्तियों को भी इस दिन दान करना चाहिए। सोमवती अमावस्या के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है। साथ ही पीपल के वृक्ष की भी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के वृक्ष में देवी-देवताओं का वास होता है इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने से और पेड़ के नीचे दीपक जलाने से हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही पीपल के पेड़ की परिक्रमा भी करती हैं। इस दिन मौन व्रत रखने से हजारों गौ दान के बराबर फल प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के वृक्ष में देवी-देवताओं का वास होता है इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने से और पेड़ के नीचे दीपक जलाने से हर मनोकामना पूरी होती है
इस दिन बन रहा है विशेष संयोग
इस साल की फाल्गुन अमावस्या पर सोमवार और शिव योग का संयोग बन रहा है। इस दिन अमावस्या होने से पूजा और तर्पण करने का दोगुना फल प्राप्त होता है। ये दिन और योग दोनों ही महादेव को समर्पित है। इस योग में मंत्र जाप, तप, श्राद्ध कर्म करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है।
शिव योग: 20 फरवरी, 2023 की सुबह 11 बजकर 02 मिनट से 21 फरवरी, 2023 की सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक।
सोमवती अमावस्या : पूजा विधि
सोमवती अमावस्या के दिन पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।इस दिन गंगा स्नान का अधिक महत्व है इसलिए गंगा स्नान जरूर करें। यदि आप नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें।
इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सोमवती अमावस्या के दिन अपनी योग्यता के अनुसार दान-पुण्य जरूर करें इससे हर मनोकामना पूरी होती है।
पितरों की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि कर सकते हैं।
अपनी अपनी राशि के अनुसार करें दान
मेष राशि: मेष राशि वालों को प्रातःकाल स्नान के बाद तांबे के बर्तन में जल लेकर उसमें एक चुटकी कुमकुम डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें और चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए दूध या घी का दान करें।
वृषभ राशि: निर्धन लोगों को वस्त्र एवं भोजन का दान करें। साथ ही, आप जल में एक चम्मच दूध मिलाकर चंद्र देव को अर्पित करें।
मिथुन राशि: गाय का दान करें या फिर गाय को खिलाने के लिए चारे का दान करें। साथ ही, चंद्रमा के बीज मंत्र “ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः”का जाप करें।
कर्क राशि: कर्क राशि वालों के लिए मंदिर में शंख और दूध का दान करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
सिंह राशि: सूर्य देव को अर्घ्य दें। साथ ही, वृद्धाश्रम या मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्षमता अनुसार दान करें।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातक मंदिर में चांदी का कोई आभूषण अर्पित करें। शिवलिंग पर सफ़ेद फूल चढ़ाएं।
तुला राशि: तुला राशि के लोगों को माता लक्ष्मी को मोती चढ़ाना चाहिए। मंदिर में दही या चावल भी अर्पित करना श्रेष्ठ रहेगा।
वृश्चिक राशि: इस राशि के जातक चंद्रमा को शांत करने के लिए रुद्राष्टकम का पाठ करें। साथ ही, गरीबों को दूध से बनी मिठाई का दान करें।
धनु राशि: धनु राशि के जातक निर्धन लोगों को चावल, घी और दूध आदि का दान करें और बुजुर्गों की सेवा करें।
मकर राशि: मकर राशि वाले निर्धन कन्याओं को वस्त्र और भोजन का दान करें। साथ ही, भगवान शिव से प्रार्थना करें।
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए चांदी, मोती या सफ़ेद रंग की मिठाई आदि का मंदिर में दान करना फलदायी साबित होगा।
मीन राशि: मीन राशि के जातकों के लिए मंदिर में लंगर आयोजित करें। यदि आप चाहे तो भगवान शंकर और चंद्रमा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हवन भी कर सकते हैं।