कल है राम नवमी,30 वर्ष बाद बन रहा है 5 दुर्लभ संयोग

अमृत सिद्धि, गुरु पुष्य, शुभ, सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी इस बार पांच दुर्लभ संयोगों के बीच मनाई जाएगी। 30मार्च 2023 गुरुवार का दिन लगभग 30 वर्ष बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है।चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान राम का जन्म दोपहर के प्रहर में हुआ था। ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की मुहूर्त शास्त्र में दोपहर के अभिजीत मुहूर्त को सबसे शुभ मुहूर्त माना गया है। भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न, अभिजीत मुहूर्त, सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह के विशेष योग तिथि पर राम नवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जायेगा गुरुवार के दिन पड़ने से इसका महत्व सूर्य और गुरु ग्रह मीन राशि में मौजूद बन रहा है। इस योग को शुभ और राजयोग करने का विशेष महत्व है। इस समय ऐसा संयोग लगभग 30 साल बाद बन रहा है ।

राम नवमी पर ऐसे करें पूजन

राम नवमी का मध्याहन मुहूर्त 11:10 मिनट से शुरू होकर दोपहर 01:42 मिनट तक है। भगवान राम को समर्पित इस विशेष दिन भक्तों को जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। पूजा कक्ष में भगवान राम की एक मूर्ति या फ्रेम रखें। भगवान को भोग लगाने के लिए प्रसाद तैयार करें। आरती के थाल को अक्षत, चंदन और अगरबत्ती से सजाएं। मुहूर्त में रामायण या अन्य पवित्र ग्रंथों का पाठ करें और आरती करें रामनवमी के दिन राम रक्षा मंत्र का जाप करने से सारे कष्ट दूर हो सकते हैं। एक कटोरी में गंगाजल या स्वच्छ पानी लेकर राम रक्षा मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्ली रामचन्द्राय श्री नमः का जाप 108 बार करें। इसके बाद उस जल का छिड़काव घर में कर दें।

श्रीराम नवमी मध्यान्ह व्यापिनी यदि प्राप्त होती है तो वह महा पुण्य तमा कही गई है। से प्राप्त होता है, वही पुण्य फल श्रीराम प्रत्येक सद्गृहस्थ का कर्तव्य है कि वह घर में धन, सुख-समृद्धि और सुख-शांति एक साथ 5 दुर्लभ संयोग अमृत सिद्धि माना जाता है। राजयोग में पूजा व उपाय श्रीराम नवमी व्रत अवश्य करें, जिससे सिद्धि योग भी बनेंगे। इतने सारे शुभ श्रीमद् वाल्मीकि रामायण एवं अगस्त सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं। शनि भी अपनी स्वराशि कुंभ में होंगे। संहिता के अवस्था नर्वस नक्षत्र से यवत की एवं मोक्ष की प्राप्ति हो ।

9 दिन का व्रत रहने वाले लोग इस दिन शाम को 5:03 पर नवमी तिथि का चतुर्थ चरण का प्रारंभ हो जाएगा तथा इसमें 5: 03शामं के बाद हवन पारण भी करेंगे ऐसा धर्म सिंधु में बताया गया है

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