22 अप्रैल को साल 2023 का सबसे बड़ा राशि परिवर्तन 12 साल बाद मेष राशि में ‘गोचर’ देव गुरु बृहस्पति का
आइये आज बात करेगे इस वर्ष के सबसे महत्वपूर्ण गोचर के विषय में । ज्ञान व सुख के कारक देव गुरु बृहस्पति 22 अप्रैल 2023 दिन शनिवार को समय प्रातः 5.58 मिनट पर राशि परिवर्तन करके मीन राशि से अपने मित्र मंगल की राशि मे प्रवेश करेंगे । गुरु ग्रह का गोचर की महत्ता इससे पता चलती है कि जन्मकुंडली मे गुरु को , पंचम भाव की स्थायी सत्ता प्राप्त है।
गुरु ग्रह एक राशि मे13 महीने तक रहते है अत: इनका प्रभाव भी दीर्धकालिन होता है। मेष राशि में गुरु देव तीन नक्षत्रो को पार करेगे । अश्विनी भरणी और कृतिका । बता दे कि मेष राशि मे पहले से हीं राहु विराजमान है। गोचरीय स्थिति देखे तो गुरु ग्रह मेष राशि मे राहु से युत होंगे और शनिदेव की दृष्टि से द्रष्ट होंगे । यह तो स्पष्ट है कि मेष राशि मे गुरु अच्छा प्रभाव देने मे सक्षम है, परन्तु राहु के साथ से गुरु चांडाल योग का निर्माण होगा । साथ ही शनि की दृष्टि से गुरु देव कमजोर स्थिति मे होंगे। क्यों कि कोई भी शुभग्रह यदि पापी ग्रह से युत या दृष्ट है तो वह अपना शुभ प्रभाव देने मे असमर्थ होता है।
राजयोग का प्रभाव भी पापी ग्रह की दृष्टि से क्षीण हो जाता है। यहाँ पर दो अशुभ ग्रहो के प्रभाव से पीड़ित होगे गुरुदेव वो भी अस्त अवस्था में । परन्तु जब गुरुग्रह के विषय मे बात होती है तो बृहस्पति को नौ ग्रहों में सबसे अधिक शुभ और पवित्र माना गया है। यह हमारी शिक्षा, धन, विवाह, संतान और दांपत्य जीवन के कारक होते हैं। इतना ही नहीं देव गुरु बृहस्पति ज्ञान, धर्म और दर्शन के भी कारक होते हैं। अतः यह सभी प्रकार के उत्तम फलों को प्रदान करने वाले माने गए हैं। ज्योतिषीय नियमों के अनुसार यदि जन्म कुंडली में बृहस्पति बलवान स्थिति में होते हैं तो जातक या जातिका को घर, परिवार, समाज यानी कि हर क्षेत्र में यश और सम्मान मिलता है। यदि बृहस्पति सकारात्मक रूप से आप पर प्रभावी होंगे तो आपका मन धर्म, समाज और परोपकार की ओर अधिक लगेगा। आपके कार्यक्षेत्र में उन्नति तुलनात्मक रूप से ज्यादा तेजी से होगी। स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा और आपकी आर्थिक स्थिति भी काफ़ी अच्छी रह सकती है।
देव गुरु बृहस्पति विवाह और संतान के साथ-साथ परिवार को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही मान सम्मान और उच्च पद दिलाने में भी अहम योगदान रखते हैं। पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति में बृहस्पति की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। फिर चाहे वह पद-प्रतिष्ठा राजनीतिक हो अथवा गैर राजनीतिक। यदि आप जॉब करते हैं तो बृहस्पति की कृपा से आप मल्टीनेशनल कंपनी या फिर किसी भी कंपनी में बड़े ओहदे या बड़े पद पर पहुंच सकते हैं।
वहीं यदि आप व्यवसाय करते हैं तो बृहस्पति की कृपा प्राप्त होने की स्थिति में बड़े व्यवसाय व्यापारी के रूप में जाने जा सकते हैं। अर्थात जीवन को बेहतर तरीके से चलाने का काम बृहस्पति ग्रह की जिम्मेदारी के अंतर्गत आता सर्वाधिक प्राकृतिक शुभ ग्रह है नीच होकर भी जन्मकुंडली मे उतना अशुभ प्रभाव नही देते है जितने अन्य ग्रह । पर गुरु शनि की दृष्टि से दृष्ट होकर आध्यत्मिक दृष्टि से शुभ होगे। देव गुरु बृहस्पति 4 सितम्बर 2023 से30 दिसम्बर 2023 तक वक्री अवस्था मे रहेगे । गुरु जन्मकुण्डली मे ऊँचाई ज्ञान धर्म भाग्य सन्तान लाभ बडे भाई के कारक है तथा समस्त जीवों के स्वामी होते है।
कमजोर बृहस्पति के लक्षण
देव गुरु बृहस्पति कमजोर होता है तो व्यक्ति में संस्कार नहीं होते किसी से भी ठीक से बात नहीं करना किसी का सम्मान नहीं करना उटपटांग शब्द बोलना किसी के प्रति दया भाव ना रखना संस्कार हीन होना माता पिता बुजुर्गों सहयोग करने में सहयोग पाने मे भी बाधाएं आती है संस्कार कमजोर हो जाते हैं गुरु के प्रति आदर भावना नही रखना।विद्या धन प्राप्ति में अधिक बधाई मिलती हैं विद्या प्राप्ति में भी रुकावट होती है बुद्धिमान होते हुए भी कई बार नकारात्मकता अधिक रहती हैं भ्रमित रहते हैं ,स्वास्थ्य में भी परेशानी देखने को मिलती है लीवर का कमजोर होना पाचन तंत्र का कमजोर होना संतान संबंधी भी परेशानी होना मोटापा अधिक होना इस महत्वपूर्ण गोचर का मेष से मीन राशि के जातको पर क्या प्रभाव पडेगा ? गोचर को लग्न राशि और जन्म राशि से देखें। क्योकि इस गोचर का प्रभाव लम्बा रहेगा । जिन जातको के जन्मकुंडली मे गुरु की दशा अर्न्तदशा चल रही होगी तो प्रभाव अत्यन्त प्रबल होगा।
देव गुरु बृहस्पति को मजबूत करने के उपाय
1सूर्यदेव को हल्दी डालकर के जल चढ़ाएं ।
2.चंदन का तिलक लगाएं।
3.नहाने के पानी में खड़ी हल्दी की गांठ डालकर के स्नान करें।
4.स्टील की बाल्टी पीतल के लोटे से स्नान करें ।
5.चने की दाल हल्दी चावल का दान किसी मंदिर में करें यह ।6जरूरतमंद को देते रहे गुरुवार वाले दिन।
7.विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
8.गुरुवार का व्रत करें ।
9.धार्मिक पुस्तकों का किसी मंदिर में दान करते रहे ।
10.गाय की सेवा करें लाल गाय।
12.छोटे बच्चे 8 साल तक के उन्हें कुछ ना कुछ उपहार देते रहें और उनके साथ कुछ पल बिताए।
13.केले के पेड़ का दान करें या किसी धार्मिक स्थान पर लगाएं और उसकी पूजा करें।