‘चेयरमैनी’ से जुडी है बेल्हा के दिग्गजों की साख, मतदाता तय करेंगे राजनीतिक भविष्य
निकाय निकाय चुनाव में राजनीतिक दिग्गजों की प्रतिष्ठा फसी है. जिले के कटरा नगर पंचायत में संगम लाल, पट्टी में राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ मोती सिंह, कुंडा में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया तो लालगंज में प्रमोद तिवारी को राजनीतिक साख बचाने की चुनौती है.
निकाय चुनाव को लोकसभा के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है ऐसे में जनपद के निकायों से माननीयों की प्रतिस्ठा भी जुड़ गयी है. बात करें पट्टी की तो पट्टी भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह का गृह क्षेत्र है. पट्टी का इतिहास रहा है की निकाय चुनाव में जिसके सर पर मोती सिंह का हाथ रहता है जीत उसी की होती है. लेकिन इस बार की कहानी थोड़ी अलग है. इस बार मोती सिंह को उनके गढ़ में ही चुनौती मिल रही है. भारतीय जनता पार्टी में टिकट को लेकर शुरू से ही असंतोष देखने को मिला. कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से पार्टी के मूल कार्यकर्ता चुनाव में निष्क्रिय दिखे. निकाय चुनाव में सामान्य कार्यकर्ता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा था यह तो मोती सिंह की ताबड़तोड़ चुनावी रैली नें कमल का माहौल बना दिया. कई सभा में पूर्व कैबिनेट मंत्री या कहते पाए गए की यह चुनाव उनकी प्रतिष्ठा पर जुड़ा है. ऐसे में कार्यकर्ताओं ने अपनी पीड़ा को नजरंदाज करते हुए राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह के आवाहन पर अशोक जायसवाल का चुनाव चढ़ा दिया लेकिन फिर भी यश प्रताप सिंह ‘बिट्टू’, प्रमोद सिंह सोमवंशी की मजबूत दावेदारी को मतदाता नकार नहीं सके. ऐसे में निर्दल प्रत्याशी कमलापति जायसवाल भी चुनाव में पूर्व नगर अध्यक्ष जुग्गीलाल जायसवाल को लेकर वोटों की किलाबंदी में लगे रहे. यश प्रताप सिंह ‘बिट्टू’ की बेबाकी और दिलेरी को पट्टी नगर के मतदाताओं ने काफी पसंद किया. एक वर्ग जो समाजवादी पार्टी और भाजपा से नाराज था बिट्टू के रूप में उसे बेहतर विकल्प मिला और एक मुस्त वोट भी उधर ट्रांसफर हुआ ऐसे में चेयरमैनी की लडाई और भी रोमांचक हो गयी. इन सब के इतर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुरेश कुमार जायसवाल कच्छप गति से लगातार मतदाताओं के बीच जाकर साइकिल चलाते रहे.
पट्टी का मतदान इस बार सकुशल शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. फर्जी वोटिंग नहीं हुई. बूथ कैपचरिंग नहीं हुई. ऐसे में 13 मई को य देखना दिलचस्प होगा की पट्टी का इतिहास अपने आप को दोहराता है या बदल जाता है.
कुंडा में राजा भैया की पार्टी को भारतीय जनता पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है. सांसद संगम लाल कटरा में अपनी साख बचाने के लिए संघर्ष करते दिख रहे हैं. तो लालगंज में प्रमोद तिवारी ने अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. अब देखना है की प्रतापगढ़ की जनता माननीयों की प्रतिष्ठा को बचाती है या फिर सबक सिखाती है और यह याद दिलाती है की लोकतंत्र में जनता ही मालिक है. जनता ही जनार्दन है .इसलिए सत्ता के मद में जनता से दूरी नहीं बनानी चाहिए.