सरकारों की उपेक्षा से आहत सेनानी परिवारों के द्वारा राष्ट्रव्यापी आंदोलन की होगी घोषणा- जितेन्द्र रघुवंशी

जिन सेनानियों की कुर्बानियों से आजाद भारत में सांस लेने और देश का सर्वांगीण विकास करने का अवसर मिला उनके उत्तराधिकारी परिवारों के जीवन यापन शिक्षा-दीक्षा तथा पालन पोषण की जिम्मेदारियां सरकारों को उठाना चाहिए

बहराइच 12 नवंबर। अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन बहराइच द्वारा के.डी. होटल पैलेस में प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति (रजि.) के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवारों की पीड़ा को व्यक्त करते हुए बताया कि केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों ने साल भर तक आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव के नाम पर प्रदर्शनपरक औपचारिकताएं तो निभाईं, परन्तु स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके परिवारों की पीड़ा का एहसास न करके जिस तरह से उन्हें नजरअंदाज किया है, इस उपेक्षा और अपमान से देश भर के स्वतंत्रता सेनानी संगठन आहत हैं। जिस परिवार का मुखिया स्वतंत्रता आंदोलन में संघर्षरत रहा हो, उनकी अनुपस्थिति में उनके परिवार और बच्चों को कितने कष्टों का सामना करना पड़ा होगा, यह संवेदनशील व्यक्ति ही समझ सकते हैं। जिन सेनानियों की कुर्बानियों से आजाद भारत में सांस लेने और देश का सर्वांगीण विकास करने का अवसर मिला उनके उत्तराधिकारी परिवारों के जीवन यापन शिक्षा-दीक्षा तथा पालन पोषण की जिम्मेदारियां सरकारों को उठाना चाहिए थी, किन्तु सेनानी परिवारों के दर्द का एहसास करके सरकारें अभी तक अपना दायित्व नहीं निभा पाई हैं।
श्री रघुवंशी ने आगे बताया कि सेनानी परिवारों के हितों की रक्षा करने के लिए संघर्षरत देशभर के 30 संगठनों ने स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति (रजि.) के तत्वावधान में संघर्ष करने के लिए समर्थन दिया है, जिसमें अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन बहराइच/श्रावस्ती भी शामिल है, उन्होंने बताया कि आजादी के संघर्ष में सबसे अधिक त्रासदी झेलने वाले सेनानी परिवारों की पीड़ा को व्यक्त करते हुए कई बार महामहिम राष्ट्रपति महोदय तथा माननीय प्रधानमंत्री जी तथा प्रान्तों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेमोरियल की स्थापना, संवैधानिक संस्थाओं में सेनानी परिवारों का मनोनयन, सेनानी उत्तराधिकारी परिवार आयोग का गठन, राष्ट्रीय परिवार का दर्जा दिया जाना, आर्थिक सहायता का प्रावधान, पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवनी को शामिल किया जाना तथा लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण करने जैसे सुझाव दिए गए थे, किन्तु अब तक सरकार द्वारा किसी भी बिन्दु पर सार्थक कदम नहीं उठाया गया है। अतः स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारिका विमोचन समारोह में बहराइच पधारे विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के साथ ही भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा चयनित एमिनेंट कमेटी के सदस्य श्री पाण्डुरंग गणपति शिंदे, संरक्षक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ विचार विमर्श करके कल (आज) राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
प्रेस वार्ता को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री पाण्डुरंग गणपति शिंदे जी, श्री रघुनाथ पाण्डेय प्रपौत्र अमर शहीद मंगल पाण्डेय, एस फारुखी प्रपौत्र शहीदे आजम नवाब मज्जू खान, माधवराज सिंह वंशज अमर शहीद राजा देवीबख्स सिंह, रमेश कुमार मिश्रा, आदित्य भान सिंह, कपूर सिंह दलाल ने भी संबोधित किया। स्वतंत्रता सेनानी परिवार के अनिल कुमार त्रिपाठी, वेदव्रत श्रीवास्तव, इशरत उल्ला खान, सुरेश चंद्र बबेले, मुन्नीलाल कश्यप, सूर्य प्रकाश पांडे, महन्थ प्रजापति, गिरजा शंकर राय, अवधेश पन्त, सुरेन्द्र बुटोला, अवधेश सिंह, दिवाकर सिंह, कर्मवीर सिंह एडवोकेट, राधेश्याम पाण्डेय, यदुनाथ प्रसाद यादव, अर्जुन प्रसाद मिश्रा, सुरेश चंद्र मिश्रा, विनोद आर्या, भानुप्रताप सिंह तथा रीता कुमारी सहित दर्जनों पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

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