पूरे बंशीधर में चल रही है श्रीमद्भागवत कथा, श्रोताओं की जुट रही है भीड़

कथा व्यास डॉ श्रीनिवासन त्रिपाठी के श्री मुख से रुक्मणी विवाह की कथा को सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

गाँव लहरिया न्यूज /डेस्क 
पट्टी तहसील के पूरेबंशीधर ग्रामसभा में विनोद पांडेय जी द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक डॉ श्रीनिवासन त्रिपाठी ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया। व्यासपीठ से श्रद्धालुओं ने संगीतमय भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह की कथा को सुन मंत्रमुग्ध हो गए। श्रीकृष्ण-रुक्मणि का वेश धारण किए कलाकारों पर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।कथा की मुख्य यजमान ,अखिलेश पांडेय व अन्य ने विधि पूर्वक पूजा अर्चना किया।

 

कथा में व्यासपीठ से शास्त्री ने कहा कि, रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अविनाश पांडेय, प्रधान रमाशंकर पांडेय, समाजसेवक नरेंद्र पांडेय,रविशंकर पांडेय आदि गणमान्यों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों ने कथा का श्रवण कर प्रसाद का लाभ लिया।

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