प्रभारी अधीक्षक डॉ अखिलेश जायसवाल की सह पर ‘अस्पताल में OPD टाइम खुल्ला घूमते हैं एम.आर’

नियमों के खिलाफ जाकर CHC पट्टी में तैनात कुछ डॉक्टर मोटा कमीशन ले कर लिखते हैं बाहर की दवा

गाँव लहरिया न्यूज/पट्टी

सरकार गरीबों और जरूरतमंद लोगों की देखभाल करने के लिए सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज का दावा करती है. लेकिन लोभी डॉक्टर अपनी आमदनी को बढाने के लिए गरीबों की जेब पर डाका डालने में जरा भी संकोच नहीं करते. अस्पताल में दवा उपलब्ध होने के बावजूद कुछ डॉक्टर बाज़ार की महंगी दवा लिखते हैं और बेचारा गरीब महंगी दवाएं लेने को मजबूर होता है.

गाँव लहरिया  डॉक्टरों का सम्मान करती है लेकिन जनता के जेब पर डकैती डालने वाले डॉक्टरों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा हमारे पास डॉक्टर की पर्ची और सबूत उपलब्ध है .बाहर की  दवा लिखने वाले डॉक्टरों को एक मौका दिया जा रहा है वह सुधर जाएँ नहीं तो अगली खबर नाम के साथ प्रकशित होगी.जिसके जिम्मेदार वह स्वयं होंगे.

नियमों के खिलाफ जाकर कुछ डॉक्टर लिखते हैं ब्रांड नेम से दवा,निश्चित मेडिकल स्टोर से लेने का भी बनाते हैं दबाव, लिखी दवा न लाने पर मरीज को खूब डराते हैं

डॉक्टर से इलाज कर रहे मरीज बताते हैं कि डॉक्टर की लिखी दवा न लाने पर डॉक्टर गुस्सा होते हैं और कहते हैं जो दवा पर्ची पर लिखी है वही लाओ नहीं तो रोग ठीक नहीं होगा. मरीज बताते हैं की डॉक्टर साहब मेडकल स्टोर भी बताते हैं की ये दवाई वहीँ मिलेगी, वहीं से लेना. ऐसा करने के पीछे लिखी दवा पर डॉक्टर का मोटा कमीशन होना बताया जाता है. नियम कहता है की डॉक्टर दवा का नाम अथवा ब्रांड नेम नहीं लिखेंगे सिर्फ फार्मूला लिखेंगे लेकिन फार्मा कंपनियों से मिल रहे मोटे कमीशन की वजह से डॉक्टर ब्रांड के नाम से दवा लिखते हैं.

गाँव लहरिया की पड़ताल में अस्पताल में घूमता मिला एम आर

डॉक्टर अखिलेश के केबिन में जा रहे एम.आर को गाँव लहरिया रिपोर्टर रोका और सवाल किया तो वह बौखला गया. OPD टाइम में केवल मरीज देखे जाते हैं लेकिन प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर अखिलेश ने मेडिकल रिप्रजेंटेटिव को विशेष छूट दे रखी है तभी वो बेधडक जब चाहे उनसे मिलने चले आते हैं. कमीशन के व्यापर को आगे बढ़ा रहे डॉक्टर अखिलेश जायसवाल ने सेवा के उद्देश्य से बनाये गए अस्पताल को कमीशनखोरी और्वसूली का अड्डा बना कर रख दिया है.

क्या कहते हैं सी एम् ओ गिरीन्द्र मोहन शुक्ल 

गाँव लहरिया से बात-चीत में डॉक्टर गिरीन्द्र मोहन शुक्ल ने बताया की हमारे अस्पताल में 189 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं. यदि कोई डॉक्टर बाहर की दवा लिखता पाया जायेगा तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी.

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