क्या पट्टी में तेजी से फल-फूल रहे देह व्यापार के अड्डे ?
चर्चा है की तथाकथित समाजसेवियों/धनकुबेरों के संरक्षण में बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों, कालोनियों, होटलों में चल रहा घिनौना खेल
गाँव लहरिया न्यूज/पट्टी
पट्टी नगर जो महाभारत काल से ले कर स्वतंत्रता संग्राम तक अपने ऐतिहासिक योगदान के लिए देश के इतिहास में अपनी पहचान संजोए हुए था उसकी साख अब बट्टे पर होने को है । पट्टी नगर में इस समय देह व्यापार के अड्डे कई स्थानों पर संचालित होने की सूचना गांव लहरिया को मिल रही है, ऐसी सूचना है कि इस पूरे कुकृत्य चक्र में गांवों से आने वाले स्कूली बच्चों को भी लालच दे कर तथा जबरन शामिल किया जा रहा है । गाँव लहरिया रिपोर्टर को भेजी गयी सूचना में एक जागरूक नागरिक ने मामले की पड़ताल कर दोषियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कहा और चिंता व्यक्त करते हुए कहा ऐसे चलता रहा तो समाज में घोर अनैतिकता आ जाएगी।
रसूखदारों को नहीं है कानून का डर …
कनून ने देह व्यापार को अवैध मानते हुए इसके लिए कठोर सजा का भी प्रावधान किया है बावजूद इसके रसूखदारों को कानून का डर नहीं है। इस बाबत भारतीय दण्ड संहिता की धाराएं 366, 372,373 तो हैं ही जहां 10 वर्ष तक के कठोर कारावास का प्रावधान है इसके साथ ही साथ एक विनिर्दिष्ट अधिनियम (Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956) भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसके अनुसार अनैतिक कामों के लिए स्त्री, पुरूष या बच्चों की खरीद व बिक्री करना अवैध दुर्व्यापार (इममौरल ट्रैफिकिंग) की श्रेणी में आता है। इसमें 2006 में संशोधन भी किए गए हैं । इनकी विभिन्न सुसंगत धाराओं में अधोलिकित प्रावधान हैं जैसे-
1. कोई व्यक्ति जो वेश्यागृह को चलाता है, उसका प्रबंध करता है या उसके रखने में और प्रबंध में मदद करता है तो उसको कम से कम व अधिक से अधिक तीन साल का कठोर कारावास, और 2000/- रूपये का जुर्माना होगा। यदि वह व्यक्ति दोबारा इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसको कम से कम दो साल व अधिक से अधिक पांच साल का कठोर कारावास और दो हजार रूपये का जुर्माना होगा।
2. कोई व्यक्ति जो किसी मकान, या स्थान का मालिक, किराएदार, भारसाधक, एजेंट है, उसे वेश्यागृह के लिए प्रयोग करता है या उसे यह जानकारी है कि ऐसे किसी स्थान या उसके भाग को वेश्यागृह के लिए प्रयोग में लाया जाएगा,या वह अपनी इच्छा से ऐसे किसी स्थान या उसके किसी भाग को वेश्यागृह के रूप में प्रयोग करने में भागीदारी देता है। तो ऐसे व्यक्ति को दो साल तक की जेल और दो हजार रूपये का जुर्माना हो सकता है। यदि वह दोबारा इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसको पांच साल के कठोर कारावास व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है ।