प्रतापगढ़ : थाने में भैंस ने सुलझाया अपना विवाद,

प्रतापगढ़ जिले के महेशगंज थाने में भैस से जुड़ा एक रोचक मामला सामने आया है

गाँव लहरिया न्यूज / प्रतापगढ़

झूरी के दो बैल ‘हीरा और मोती’ की कहानी तो आपने सुनीं होगी, लेकिन कुंडा में भैंस की कहानी इससे भी ज्यादा रोचक है। आपको बता दे उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से भैंस से जुड़ा एक ऐसा विवाद सामने आया जहाँ पुलिस को मामले को सुलझाने में कोई मशक्कत ही न करनी पड़ी । रामपुर की तरह भैंस यहां भी खोई थी, लेकिन गनीमत रही कि उसे खोजने की चिंता पुलिस को नहीं करनी पड़ी। भैंस ने यह मामला स्वयं ही सुलझा लिया ।

यह था पूरा मामला

एक भैंस के लिए दो पक्ष भिड़े थे। एक-दूसरे को चोर ठहरा रहे थे। मामला महेशगंज थाने पहुंचा तो पुलिस भी इस विवाद में घनचक्कर हो गई। पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने से बाहर कर दिया। पुलिस ने भैंस को खूंटे से छोड़ा तो महज चंद मिनट में ही विवाद सुलझ गया।
भैंस नंदलाल सरोज के पास चली गई। उसने अपनत्व दिखाते हुए हाथ फेरा तो सभी बोल पड़े बेजुबान भी अपने को पहचान लेते हैं। पुलिस ने नंदलाल को भैंस ले जाने की अनुमति दे दी। हालांकि, दूसरा पक्ष हंगामा करने लगा। बाद में उसे समझा बुझाकर वापस कर दिया गया। राय असकरन पुर निवासी नंद लाल की भैंस मंगलवार को चरने गई थी। शाम को घर वापस नहीं आई। खोजबीन शुरू की गई तो पता चला कि उसकी भैंस पूरे हरिकेश गांव में हनुमान सरोज के यहां बंधी है।

नंद लाल बुधवार को हनुमान सरोज के घर पहुंचा तो उसने अपनी भैंस बताते हुए देने से इन्कार कर दिया। शिकायत मिलने पर पुलिस ने दोनों पक्षों को भैंस के साथ थाने बुलाया। गुरुवार सुबह दोनों पक्ष थाने पहुंचे। भैंस के शरीर में बने निशान के बाबत पूछताछ कर मामले को निस्तारित करने का प्रयास किया गया, लेकिन फिर भी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी।

दारोगा को सूझा उपाय

दारोगा अवधेश शर्मा को एक उपाय सूझा, उन्होंने दोनों पक्षों को थाने के बाहर निकाल दिया और गेट बाहर खड़ा कर दिया। भैंस को खुला छोड़ दिया। भैंस नंदलाल के पास पहुंच गई। एसओ श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि भैंस जिसकी थी उसी के पास जाने से उसको दिलवा दी गई।

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