मूलभूत मानकों के अभाव में भी पट्टी में धड़ल्ले से फल फूल रही अवैध कोचिंगें

महिला प्रसाधन तक की नहीं है व्यवस्था, खुले में लघुशंका एवं शौच को मजबूर छात्राएं

गाँव लहरिया न्यूज़/प्रतापगढ़

बेरोजगारी के दौर में ट्यूशनखोरी का धंधा खूब फलफूल रहा है। गली मुहल्लों में बिना मान्यता के कोचिंग सेंटर धड़ल्ले से चल रहे हैं लेकिन विभाग इन अवैध कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई से कतरा रहा है। बेरोजगारों के अलावा राजकीय व एडेड विद्यालयों के शिक्षक भी धड़ल्ले से कोचिंग चला रहे हैं लेकिन विभाग ने आज तक उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की।

पट्टी नगर में चल रहे कोचिंग सेंटरों की संख्या जिलेभर के सेंटरों से ज्यादा है। तमाम गली मुहल्लों में कोचिंग का कारोबार खुलेआम चल रहा है लेकिन विभाग इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है। इतना ही नहीं राजकीय एवं एडेड कालेजों के शिक्षक भी जमकर ट्यूशनखोरी कर रहे हैं, लेकिन विभाग ने आज तक एक भी कोचिंग सेंटर या शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, जिसके चलते अवैध कोचिंग सेंटरों का धंधा बेरोकटोक जारी है।

विभाग की मिलीभगत के कारण नहीं होती कार्यवाही

कोचिंग सेंटरों के संचालन के लिए डीआईओएस कार्यालय से मंजूरी लेनी होती है। इसके लिए छात्रों की संख्या के आधार पर शुल्क निर्धारित है और हर साल अनुमति का नवीनीकरण भी करवाना पड़ता है। जो कोचिंग सेंटर पंजीकृत हैं उन्होंने भी विभागीय मिलीभगत से कम छात्र संख्या दिखाकर पंजीकरण करवा लिया है।

महिला प्रसाधन तक की नहीं है व्यवस्था, खुले में लघुशंका एवं शौच को मजबूर छात्राएं

शिकायतकर्ता छात्रा ने नाम न लिए जाने की शर्त पर बताया कि लगभग सभी कोचिंग संस्थानों में बालिकाओं के लिए वाशरूम तक की व्यवस्था नहीं है, अतः लड़कियों को खुले में जाना पड़ता है जिससे उनमें असुरक्षा की भावना पैदा होती है तथा शोहदों का डर बना रहता है ।

क्या है कोचिंग संस्थानों के न्यूनतम मानक

किसी भी कोचिंग संस्थान के संचालन हेतु शिक्षा विभाग सहित नगर पालिका या स्थानीय प्रशासन की अनुमति के साथ साथ कुछ अन्य अत्यंत आवश्यक/अनिवार्य मानक भी हैं जिनका पूरा होना नितांत आवश्यक है ।

*1-पंजीकरण और मान्यता:* हर कोचिंग संस्थान का संबंधित शिक्षा बोर्ड या विभाग से पंजीकृत और मान्यता प्राप्त होना अनिवार्य है।

*2- उचित छात्र-शिक्षक अनुपात:* शिक्षा विभाग इस बात पर जोर देता है कि कक्षा में छात्रों और शिक्षकों का अनुपात ऐसा हो, जिससे सभी छात्रों को पर्याप्त ध्यान मिल सके।

*3- स्वच्छता और स्वास्थ्य मानक:* संस्थान में साफ-सफाई, स्वच्छ शौचालय, और सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।

*4- आपातकालीन व्यवस्था:* संस्थान में अग्निशमन यंत्र, प्राथमिक चिकित्सा किट, और आपातकालीन निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।

*5- शिक्षक की योग्यता:* कोचिंग संस्थान में पढ़ाने वाले शिक्षकों की योग्यता शिक्षा विभाग के मानकों के अनुसार होनी चाहिए, जिसमें विषय विशेषज्ञता और आवश्यक प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।

*6- सुरक्षा उपाय:* सीसीटीवी कैमरे, गार्ड्स और संस्थान में प्रवेश-निकास पर निगरानी का उचित प्रबंधन होना चाहिए। विशेष रूप से, बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने चाहिए।

*7- लाइसेंस और संचालन की अनुमति:* किसी भी कोचिंग संस्थान को चलाने के लिए स्थानीय प्रशासन या शिक्षा विभाग से संचालन की अनुमति लेना आवश्यक है।

*8- फीस संरचना:* फीस संरचना पारदर्शी होनी चाहिए, और शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर होनी चाहिए। अनावश्यक फीस वसूली की अनुमति नहीं है।

*9- बालक-बालिकाओं हेतु अलग अलग शौचालय की व्यवस्था

किसी भी संस्था या संस्थान में बालक-बालिकाओं के लिए अलग अलग शौचालय होना नितांत आवश्यक है ।जबकि पट्टी नगर में सजी कोचिंग मंडी में अधिकतर दुकानों में मूलभूत सुविधाओं का नितांत अभाव है ।

केंद्र सरकार के जारी निर्देशों के मुताबिक 16 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं जा सकते कोचिंग

सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी करते हुए आदेश दिया है कि 16 साल से कम उम्र वाले विद्यार्थी कोचिंग नहीं जा सकते। सरकार ने कहा है कि इन आदेशों की अवहेलना करने वालों पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा, कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द भी हो सकता है। किंतु उक्त आदेश की भी धड़ल्ले से अवहेलना की जा रही है तथा नौनिहालों को विभिन्न लालच दे कर कोचिग संस्थानों द्वारा उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है ।

क्या है कार्रवाई का नियम

बिना पंजीकरण के कोचिंग का संचालन पूरी तरह अवैध है। इस तरह के कोचिंग संचालकों के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज करवा सकता है। इसके अलावा राजकीय व एडेड विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार से प्राइवेट कोचिंग पढ़ाना प्रतिबंधित है। इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के अलावा एफआईआर भी दर्ज करवाई जा सकती है तथा ऐसे कार्यों में संलग्न पाए जाने वाले सरकारी शिक्षकों का निलंबन एवं पुनरावृत्ति होने पर सेवा समाप्ति तक का प्रावधान है ।

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