श्रीराम विवाह की कथा सुन भक्त हुए भावविभोर, विवाह के दृश्य का रसपान करते रहे श्रोता
राम सीता लखन की सजीव झाँकियां बनी रही आकर्षण का केंद्र
गांव लहरिया न्यूज /पट्टी
पट्टी क्षेत्र के पूरेबंशीधर में चल रही 11 दिवसीय श्रीराम कथा के 10वें दिन श्रीराम और सीता विवाह का प्रसंग सुन भक्तजन भाव विभोर दिखे, कथा स्थल पर राम विवाह की सजीव झांकी भी सजाई गई जो श्रद्धालुओं का मन मोह रही थी, श्रद्धालुओं ने भगवान राम और सीता सहित लखन जी के झांकी का पांव पखार कर पूजन किया,
काशी से पधारे कथा व्यास श्री श्री 108 नागादास करुणेशानन्द महराज जी ने कहा कि सीता व श्रीराम का विवाह भक्ति और भगवान का मिलन है, यदि सीता भक्ति हैं तो श्री राम भगवान, विवाह का बड़े ही मनमोहक अंदाज में कथा का वाचन करते हुए विवाह गीत की प्रस्तुति भी दी, कथा के दौरान धनुष यज्ञ पर विस्तार से कथा सुनाई, उन्होंने बताया जब भगवान श्रीराम के हाथों से धनुष टूटा तो किसी ने धनुष से पूछा कि सीता-राम के विवाह में सभी खुश हैं पर तुम तो बहुत दुःखी होगी, क्योंकि तुम्हें भगवान श्रीराम ने तोड़कर धरती पर डाल दिया है, जिस पर टूटे हुए धनुष ने जवाब दिया कि मैं सबसे ज्यादा खुश हूँ, क्योंकि हम जब तक जुड़े थे तब तक दूसरों को तोड़ने का काम करते थे, देखो आज हम टूटकर भी सीता और राम को जोड़ने का काम कर रहे हैं, आज मेरे टूटने के कारण ही सीता जी और श्री रामचन्द्र जी जुड़कर एक हो जाएंगे, फिर मेरा सौभाग्य तो देखो, हम छूटकर भी भगवान श्री राम के चरणों में पड़े हुए है, धनुष यज्ञ के बाद कथा वाचक ने अयोध्या से मिथिला के लिए महाराज दशरथ का सभी बारातियों के साथ प्रस्थान से लेकर मिथिला पहुंचने तक की कथा का भी बहुत ही रोचक एवं सरस अंदाज मे वर्णन किया, सीता की विदाई प्रसंग के दौरान कथावाचक सहित श्रद्धालु भी भावुक हो गए और उनकी आंखें भर आई, कथा में सक्रिय रूप से नर्मदा प्रसाद पांडे शिवदत्त पांडे नंदलाल पांडे विजय नाथ पांडे कमलेश कुमार पांडे रामपाल पांडे जयप्रकाश पांडे ए स्वतंत्र पांडे ए कृष्णा पांडे नितिन पांडे रमेश कुमार पांडे श्रीकांत पांडे समेत हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे.