40 घंटे बीत जाने के बाद भी ‘गोलीकांड’ का आरोपी गिरफ्त से दूर, पट्टी पुलिस पर लग रहा सवालिया निशान

गाँव लहरिया न्यूज/पट्टी

चर्चित जिले प्रतापगढ़ की चर्चित तहसील पट्टी में शुक्रवार को दिन दहाड़े एसडीम चैंबर में गोली चलने की घटना से पूरा जिला थर्रा उठा था । लोगों की जुबान पर तरह तरह की बातें थी कि यदि कोतवाली से चंद कदम दूरी पर स्थित तहसील के सबसे बड़े अधिकारी के चैंबर में उसकी उपस्थिति में इतनी बड़ी घटना घट सकती है तो फिर आम नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था तो राम भरोसे ही है । फिलहाल पुलिस ने दगी कारतूस का खोखा बरामद कर लिया था तथा ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जल्द ही आरोपी गिरफ्त में होगा लेकिन अब 40 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं तथा पुलिस प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है ।

आरोपी को दिनदहाड़े सुरक्षित तहसील परिसर से निकाल कर बाहर ले जानें वाले मददगारों तक भी नहीं पहुँच पायी पट्टी पुलिस

फिलहाल शुक्रवार के गोलीकांड मामले में किसने हत्या का षड़यंत्र रचा था और किस प्रकार से सुनियोजित तरीके से पहले अवैध असलहा उपलब्ध कराया गया और कैसे परिसर के तार काटे गए तथा कुछ संदिग्ध युवकों का जो स्वयं को अधिवक्ता बताते हैं, ग्रुप छिट पुट मार पीट के संलिप्त हो कर मामले की दिशा मोड़ने के प्रयास में लगा रहा तथा यह माहौल बनाता रहा कि गोलीकांड हुआ ही नहीं है तथा इस पूरे प्रकरण में किस बर्चस्व की लड़ाई थी और कौन लोग हैं जो तहसील पर अपना कब्जा चाहते हैं इन महत्वपूर्ण बिंदुओं को पुलिस जोड़ पाने में भी नाकाम रही है ।

रसूखदारों के आगे घुटनो पर पट्टी पुलिस, आरोपी से कोसों दूर

पट्टी नगर एवं आसपास की बाजारों में चर्चाएं गरम हैं कि षड्यंत्रकारियों का रसूख जांच में अवरोध पैदा कर रहा है तथा पुलिस प्रशासन उनके आगे स्वयं को कमजोर पा रहा है ।

ज्ञात हो कि पट्टी तहसील में बार एसोसिएशन का चुनाव भी नजदीक है और बर्चस्व की लड़ाई इतना बड़ा रूप ले लेगी ऐसा अंदेशा किसी को नहीं था ।

सोशल मीडिया पर खूब चल रही जुबानी जंग

सोशल मीडिया के दौर में इतनी बड़ी घटना घटित हो और उसको दबाया जा सके यह प्रयास निरर्थक ही है । सोशल मीडिया पर यह घटना क्रम छाया हुआ है जहां कुछ लोग आरोपी के पक्ष में लिखते बोलते देखे जा रहे हैं वहीं बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो न्याय प्रशासन के मंदिर परिसर में घटी इतनी बड़ी घटना से रोष में हैं जिनका कहना है कि कारण कुछ भी रहा हो अवैध असलहे से अधिवक्ता पर फायर झोंक देना चिंताजनक है । सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के बयान की चहुंओर तारीफ हो रही है कि जीरो टॉलरेंस फॉर्मूला वाली योगी सरकार मामले पर गंभीरता से कार्यवाही करेगी और दोषी कोई भी हों बक्शे नहीं जायेंगे ।

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