शुभ होता है ‘दीपावली ‘ का पारा काजल
गाँवों में इस दिन कोसा में काजल पारनें और लगाने की परम्परा चली आ रही है
गाँव लहरिया डेस्क
दीपावली मां लक्ष्मी की पूजा के बाद एक बड़ा दीपक देवी के समक्ष रातभर जलाने की परंपरा है.धर्म शास्त्र में बताया गया है की मां लक्ष्मी रात में ही पृथ्वी पर घूमती हैं. मां लक्ष्मी को बहुत चंचल माना गया है. दीपक लगाकर इन्हें सदैव घर में निवास करने का विधान है. मान्यता है इससे देवी घर से जाती नहीं और जातक को धन, यश, वैभव, कीर्ति, आरोग्य प्राप्त होता है.
दीपावली के दिन काजल को लगाने का भी विधान है। दीपावली की रात घर के बड़े-बुजुर्ग, बच्चे, और महिलायें सभी लोग काजल लगाते हैं
दीपावली की रात्रि एक दीपक को रातभर जलाकर काजल भी बनाया जाता है. जिसे अगली सुबह घर के सदस्य अपने आखों में लगाते हैं. साथ ही इस काजल का टीका घर की तिजोरी,अलमारी पर भी लगाया जाता है. मान्यता है इससे बाधाएं दूर होती हैं, घर में सुख समृद्धि आती है.
दिवाली पर काजल लगाने का महत्व
दिवाली के दिन काजल बनाने को अधिक अधिक महत्व दिया जाता है। इस दिन काजल बनाने के लिए कच्चे दीए को जलाकर सारी रात ढककर रखा जाता है। इस दीपक की लौ से ही रात में मिट्टी का दीया अंदर से काला हो जाता है और उसका काजल बन जाता है। इस काजल को ही दिवाली के दिन परिवार के लोग आखों में लगाते हैं। इस काजल को दिवाली के दिन लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार इस काजल को घर की मुख्य जगहों पर भी लगाया जाता है। घर की अलमारी के साथ यह काजल तिजोरी, खाना बनाने के चूल्हे आदि पर भी लगाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। इस काजल को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर को किसी भी प्रकार की बुरी नजर नही लगती है। इसके अलावा यह काजल लगाने से न केवल आखों की रोशनी बढ़ती है। बल्कि बुरी नजर से बचाव होता है। इसी कारण से दिवाली के काजल को अधिक महत्व दिया जाता है और दिवाली की रात प्रत्येक घर में काजल बनाया जाता है और यदि दिवाली पर काजल के वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो दिवाली की रात में पटाखे जलाने के कारण प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ जाता है। जिसके कारण आखों की समस्याएं बहुत अधिक बढ़ जाती है।
इस दिन प्रदुषण का स्तर बढ़ने के कारण आखों में जलन, आखों का लाल होना और बार- बार आखों में खुजली होती है। जिसके कारण आखों में से पानी निकलने लगता है। अगर ऐसे में आप काजल लगाते हैं तो प्रदुषण के आखों में होने वाली सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
दिये की लौ से काजल बनाना
सबसे पहले एक दीया लें और उसमें घी या तेल भर लें। अब घी में भीगी एक रुई की बत्ती को जला लें। अब दिये को दोनों तरफ से किसी चीज से ढंक लें। दिये के ऊपर उल्टी प्लेट रख दें। ध्यान रखें कि प्लेट में दिये की लौ छू रही हो। इस दिये को रात भर जलने दें ताकि प्लेट पर कालिख जमा होती रहे। जब दीया बुझने के बाद प्लेट हटा लें। अब प्लेट पर लगी कार्बन कोटिंग (कालिख जैसा कुछ) को निकालें और एक साफ डिब्बी में जमा करके रख लें। इसे स्मूद बनाने के लिए कुछ बूंद घी डाल लीजिये। डिब्बी को बंद करके दो घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। उसके बाद ये इस्तेमाल के लिए तैयार है। चार महीने में एक बार आप इस तरह घर पर ही काजल बना सकते हैं।