सरकारी अस्पताल में स्वच्छता के नाम पर खिलवाड़,प्रसव पीड़िता सहित नवजात की जान ख़तरे में
बाबा बेलखरनाथ धाम में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल
गाँव लहरिया न्यूज़/प्रतापगढ़
सरकारी अस्पताल का शौचालय छः महीने में एक बार ही साफ होता है। बाकी छः महीने मरीज सहित नवजात शिशुओं तथा तीमारदारों की जान ख़तरे में है। शौचालय भरा पड़ा है उठ रही है बदबू जिम्मेदार मौन ऐसे में कैसे संचारी दस्तक अभियान सफल होगा। गंदगी से खुद ही बता रहे बीमारियां और आम लोगों को परोस रहे हैं बीमारी, बात कर रहे हैं पट्टी तहसील क्षेत्र के विकास खंड बाबा बेलखरनाथ धाम में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जहां पर हालत यह है कि शौचालय की साफ सफाई ही नहीं होती है।प्रसव कक्ष के बगल शौचालय पूरी तरह से भरा हुआ है। बदबू इस कदर हावी है कि लोगों को नाक दबाकर भागना पड़ता है। बलगम जांच केंद्र के दरवाजे के सामने गंदगी की भरमार है। घांस फूंस अलग विषय है लेकिन दवाओं के रैपर के साथ लेबर रूम जहा प्रसव के बाद जिस कमरे में रखा जाता है उसके आसपास गंदगी बीमारी फैला रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंचायती राज विभाग के सफाई कर्मचारियों के भरोसे पर रहता है। आउटसोर्सिंग के तहत तैनात सफाई कर्मी महज मुख्य गेट के आसपास झाड़ू लगाकर निकल लेते हैं। गंदगी के साथ ही साथ सबसे विकराल समास्या पानी की है जो लगभग दो से तीन साल से आने वाले मरीजों को इंडिया मार्का हैंडपंप से पानी नही मिल पा रहा है। जो है भी वह खराब हो गया है जो पानी मिलता है वह प्रदूषित है। स्वास्थ्य विभाग खुद ही जानता है कि गंदगी से कौन सी बीमारी जानलेवा हो सकती है इसके बाद भी कोई व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई है। अब सवाल यह है कि जिस अस्पताल में लोग अपनी बीमारी का इलाज कराने आते हैं वहीं सरकारी अस्पताल आज खुद ही बीमार है जिसे इलाज की जरूरत है। सरकार की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जिम्मेदार एक दिन सफाई करवा कर उसके बाद भूल जाते हैं।