गुड़विल पब्लिक स्कूल में चोटिल बच्चे को नहीं मिल सका प्राथमिक उपचार,तड़पता रहा मासूम
परिजनों ने खटखटाया कानून का दरवाजा
गाँव लहरिया न्यूज़/पट्टी
पट्टी नगर के वार्ड न०5 के निवासी मृत्युंजय सिंह का पुत्र आरुष नगर के ही गुडविल पब्लिक स्कूल में कक्षा-2 का छात्र है । बीते 27 जुलाई को बच्चों के साथ खेलने के दौरान उसे सर में गंभीर रूप से चोट आई तथा खून बहने लगा, और बच्चा बेहोश हो गया। ऐसे में अभिभावक का आरोप है कि प्रिंसिपल मनीष गुप्ता द्वारा उन्हें सूचना दी गई कि बच्चे को आराम की जरूरत है आ कर घर ले जाइए और ऐसे में बिना प्राथमिक उपचार के बच्चा विद्यालय में घंटों बेहोश पड़ा रहा और उसे प्राथमिक उपचार तक न मिल सका। जब इस बाबत अभिभावक ने प्रिंसिपल से बात करनी चाही तो उन्होंने गाली गलौच और लड़ाई करते हुए अपने बच्चे को ले कर भाग जाने को कहा । उक्त संदर्भ में संबंधित अधिकारियों सहित आज थाने में भी शिकायत की गई है । गाँव लहरिया को सूचना देते हुए मासूम के परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई है।
देर तक बहता रहा खून, हो सकती थी अनहोनी
प्राप्त सूचना के अनुसार घायल स्थिति में बच्चा काफी देर तक तड़पता रहा और विद्यालय प्रबंधन ने प्राथमिक उपचार तक आवश्यक नहीं समझा, ऐसे में परिजन आए और सीएचसी ले गए जहां डरा सहमा बच्चा काफी देर बाद अपने होश में आया ।
बीते दिनों टेंपो पलटने से घायल बच्चे के उपचार में भी विद्यालय प्रबंधन की दिखी थी उदासीनता
बीते दिनों अलका कांवेंट स्कूल उदईशाहपुर में भी घायल बच्चों के उपचार से प्रबंधन ने पल्ला झाड़ लिया था, और मामले में लीपापोती कर दी गई थी ।
ऐसे में कैसे सुरक्षित रहेंगे नौनिहाल, विद्यालय संचालकों की हरकतों से मानवता हो रही शर्मसार
जिस प्रकार से विद्यालयों का बाजारीकरण बढ़ रहा है तथा समाजसेवा के उद्देश्य से विमुख हो कर संचालक व्यापार कर रहे हैं ऐसे में समाज की स्थिति भयावह होती दिख रही है । पैसे कमाने की होड़ में लगे विद्यालय संचालक मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखना तो दूर मानवीय मूल्यों तक से दूर हो गए हैं । बच्चों एवं अभिभावकों को बंधुआ मजदूर समझते हैं तथा मनमाना व्यवहार अपनाते हैं ।
जिला बाल कल्याण समिति दायित्वों के निर्वहन में असफल, सदस्यों सहित विभागीय अधिकारियों का भी नहीं है कोई अता पता
सरकार की लोकल्याणकारी नीति के तहत प्रत्येक जिले में बच्चों के अधिकारों के संरक्षण हेतु जिला बाल कल्याण समितियों के गठन का प्रावधान है जो इस विषय में कार्य करती है । समय समय पर सदस्यों द्वारा विद्यालयों का दौरा कर बच्चों को उनके अधिकारों से अवगत कराना, उनकी सुरक्षा व्यवस्था इत्यादि की जांच करना, मानकों की जांच करना इत्यादि भी उनके प्रमुख कार्य हैं । इसके लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर रखा है । किंतु दुर्भाग्यवश जनपद में विशेष कर पट्टी क्षेत्र में उक्त समिति सहित समस्त विभागीय अधिकारी नदारद रहते हैं। समिति को ऐसे मामलों को संज्ञान में लेना चाहिए ताकि बच्चों के अधिकारों का सही मायने में संरक्षण हो सके।