पट्टी: संकट में गोवंश,तेज़ी से फ़ैल रहा लम्पी वायरस
जानिए क्या होता है लम्पी वायरस इसके लक्षण और बचाव पशु अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर के एम् वर्मा से
गाँव लहरिया न्यूज/डेस्क
लम्पी वायरस (lampi virus) बेजुबान जानवरों में पाए जाने वाली जानलेवा बीमारी है यह बीमारी दुधारू पशुओं में पाई जा रही है मुख्य रूप से यह गोवंश में देखने को मिल रही है देश के 10 राज्यों की गाय अधिक बीमार है और उनकी जान जा रही है इस बीमारी से संक्रमित हो चुकी गायों की हजारों की संख्या में मौत हो चुकी है और जो भी Lumpy Virus संक्रमित पशु के संपर्क कोई स्वास्थ्य पशु आता है वह भी इसका शिकार हो जाता है इस बीमारी का अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं बनाया गया है हालांकि इसका इलाज लक्षणों के आधार पर ही किया जा रहा है। इस बीमारी में गायों पर गांठ दार त्वचा रोग बन जाते हैं इसीलिए इस बीमारी को ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ यानी LSDV भी कहते है। पहले भी अन्य देशों में यह महामारी फैल चुकी है और तमाम संक्रमित पशुओं की जान ले चुकी है यह बीमारी वायरस की तरह फैलती है जैसे इंसानों में कोरोना वायरस फैला था परंतु यह बीमारी इंसानों को नहीं होती है केवल यह बीमारी पशुओं को ही होती है इस बात की पुष्टि एम्स के डॉक्टरों ने की है। लम्पी वायरस एक प्रकार का संक्रमण रोग है जो एक पशु से दूसरे पशु में फैल जाता है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका संक्रमण मुख्य रूप से मच्छरों, मक्खियों, तत्तैयो, जूं आदि से फैल सकता है। इसके अतिरिक्त पशुओं के सीधे संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है खासकर खाना और दूषित खाना खाने से और पानी के सेवन से भी यह बीमारी फैल सकती है। Lumpy Virus एक बहुत ही तेजी से फैलने बाला वायरस बन चुका है वर्तमान में 15 से भी अधिक राज्यों में इस बीमारी के माध्यम से कई गाय मर चुकी है और बहुत तेजी से गायों में यह बीमारी फैल रही है गायों को बचाने के लिए समय पर उनके लक्षणों की पहचान की जा रही है और उनको पहचान करके उसी आधार पर उन्हें इलाज दिया जा रहा है।
लम्पी वायरस के लक्षण
इस वायरस से संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आता है और वह बुखार बना रहता है।
दूध की मात्रा में अत्यधिक कमी आ जाती है।
पशुओं की त्वचा पर चकत्ते बन जाते हैं और उनमें गांठे पड़ जाती हैं।
पशुओं को भूख कम लगती है।
पशुओं के पैरों में सूजन और लंगड़ा पर आ जाता है।
नर पशु में कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है ।
पशुओं का वजन तेजी से घटने लगता है।
पशुओं के मुंह से लार बहती है और आंख नाक से पानी आना शुरू हो जाता है।
यह इसके मुख्य लक्षणों में से एक है। इसके अलावा भी अलग-अलग पशुओं में अलग-अलग प्रकार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
कैसे करें लम्पी वायरस से बचाव
दोस्तों आइए अब बताते हैं कि वायरस से अपने पशुओं का बच्चा किस तरह किया जा सकता है ।
अगर कोई पशु इस वायरस से संक्रमित हो जाता है तो इस पशु को अन्य सभी पशुओं से दूर रखना चाहिए।
पशुओं के स्थान की सफाई रोज करनी चाहिए और उनके परिसर को साफ सुथरा रखने का प्रयास करना चाहिए।
मक्खी और मच्छर आदि को खत्म करने के लिए समय-समय पर स्प्रे या ऐसे ही किसी अन्य कोई घरेलू उपायों का प्रयोग करना चाहिए।
अगर किसी संक्रमित वस्तु की मृत्यु हो जाती है तो उसके शव को खुले में नहीं छोड़ना चाहिए। बल्कि उसको गहरे गड्ढे में दफना देना चाहिए जिससे कि संक्रमण का खतरा बिल्कुल ना बने ।
समय-समय पर अपने आसपास के क्षेत्रों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना चाहिए
चिकित्सक के निर्देश पर अपने संक्रमित पशुओं को गोटपॉक्स वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए ।
पशुओं को मल्टीविटामिन की दवाइयां भी दी जा सकती है।
केवल यह दवाइयां चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही दी जानी है। जिससे कि उनकी यूनिटी बढ़ सकेगी
इस वायरस से बचने के लिए एंटीबायोटिक एंटी इन्फ्लेमेटरी एंड एंटीहिस्टामिनिक दवाइयां भी दी जा सकती हैं।
पट्टी में भी लम्पी वायरस अब अपना असर दिखा रहा है ऐसे में पशु अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर के एम् वर्मा से बात की गाँव लहरिया रिपोर्टर अंकित पाण्डेय ने देखें वीडियो …..