ख़बर चलने से बौखलाया गुडविल पब्लिक स्कूल का प्रबंधक/प्रिंसिपल मनीष गुप्ता

फोन कर अभिवावक को बुलाया स्कूल, पत्रकारों को बोला अनाप शनाप

गाँव लहरिया न्यूज़/पट्टी

गुड़विल पब्लिक स्कूल का प्रबंधक/प्रिंसिपल मनीष कुमार मीडिया में चल रही खबरों से झल्लाकर पीड़ित अभिवावक को फोन कर स्कूल बुलाया और धमकी भरे लहजे में बात करते हुए अपने बच्चों को स्कूल ना भेजनें के लिए कहा।  यही नहीं उसने अभिवावक से बात चीत के दौरान कहा बीबियापुर के हो… पत्रकार तुम्हारे साथी है इसलिए उल्टा सीधा ख़बर चलवा रहे हो…ख़बर चलाने को लेकर पत्रकारों को भी खरी खोटी सुनाया।

मनीष गुप्ता ने उठाया पट्टी के पत्रकारों की योग्यता पर सवाल.. कहा नहीं है कोई पत्रकारिता का कोर्स किया हुआ पत्रकार

गाँव लहरिया को सूचित करते हुए अभिवावक ने बताया की देर शाम मनीष कुमार ने फोन कर ख़बर निकालने को लेकर पूरे पत्रकार समाज को अपशब्द कहते हुए उनकी योग्यता को कटघरे में खड़ा कर दिया है और कहा पट्टी के पत्रकारों के पास न डिग्री है न पत्रकारिता करने का तरीका यही नहीं उसने यह भी कहा जितनी मीडिया बाजी करानी है करा लो।

क्या गुड़विल पब्लिक स्कूल RTE के मानक के अनुसार शिक्षण कार्य कराता है ??

सरकार की मंशानुसार प्रत्येक विद्यालय में गरीबों को निःशुल्क शिक्षा का कोटा निर्धारित है तथा न्यूनतम शुल्क पर शिक्षा दिए जाए ऐसी भी सरकार की मंशा है, ऐसे में प्रश्न यह है कि क्या गुडविल पब्लिक स्कूल में यह मानक पूरा किया जा रहा है । सुविधा के बदले मोटी फीस वसूलने और महंगे दाम वाली किताबों, ड्रेस इत्यादि को लगाकर परिजनों पर अनावश्यक बोझा लादने के साथ ही साथ कांवेंट स्कूलों की हालत यह है कि आए दिन किसी न किसी बहाने से धन उगाही करते हैं तथा आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों को हीन भावना से भर देते हैं ।

हाईस्कूल तक की कक्षाएं हो रही संचालित, क्या है शिक्षकों की योग्यता

प्राप्त जानकारी के अनुसार जबकि विद्यालय में हाईस्कूल तक कक्षाएं संचालित की जा रही हैं, तो ऐसे में प्रश्न यह भी है कि किन शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य कराया जा रहा है, क्या वे मानकों के अनुरूप डिग्रीधारी हैं ? यह प्रश्न भी पूछा जाना स्वाभाविक है ।

कब जागेगा शिक्षा/पुलिसिया विभाग, आखिर कब होगी कार्यवाही, किसी बड़े हादसे का है इंतजार

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना हुए लम्बा वक्त बीत गया है किंतु शिकायतों के बाद भी अभी तक न तो शिक्षा विभाग ने कोई एक्शन लिया है न ही पुलिस प्रशासन में । ऐसे में यह प्रश्न उठना लाजमी है कि क्या शासन प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना या हादसा होने के इंतजार में है । या फिर बेखौफ़ प्रबंधक की पहुँच सिस्टम तक है?? आखिर किसकी सह पर प्रबंधक चोरी तो चोरी ऊपर से सीना जोरी कर रहा है।

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