हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से प्रारंभ
अष्टमी और नवमी के दिन विशेष अनुष्ठान

गाँव लहरिया न्यूज़/फूलपुर
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकेश शुक्ल के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 30 मार्च 2025, रविवार से हो रहा है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व में भक्त माता रानी के प्रति श्रद्धा के साथ उपवास रखते हैं और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है और अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है।पं. शुक्ल ने बताया कि इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं और हाथी पर ही विदा होंगी, जिसे शास्त्रों में अत्यंत शुभ माना गया है। उनका यह आगमन और प्रस्थान समाज एवं देश के लिए सुख-समृद्धि और मंगलकारी परिणाम लाएगा।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 30 मार्च को रेवती नक्षत्र, ऐन्द्र योग और मीन राशि में बुध, सूर्य, राहु और चंद्र की शुभ स्थिति रहेगी।
कलश स्थापना मुहूर्त: प्रातः 06:12 मिनट से दोपहर 02:05 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:56 से दोपहर 12:46 मिनट तक
महाअष्टमी और महानवमी तिथि
नवरात्रि के अंतिम तीन दिन—सप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी—विशेष महत्व रखते हैं।
महा अष्टमी: 05 अप्रैल 2025, शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन मां महागौरी की पूजा होगी।
महानवमी: 06 अप्रैल 2025, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। साथ ही इसी दिन संध्या काल में 06:10 बजे के बाद व्रत पारण का मुहूर्त रहेगा।
राम नवमी का पर्व भी इसी दिन
इस बार चैत्र नवरात्रि की महानवमी तिथि पर ही प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव राम नवमी भी मनाया जाएगा, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ गया है।पं. शुक्ल ने बताया कि नवरात्रि के दौरान अष्टमी और नवमी के दिन विशेष रूप से घर-घर में हवन, कन्या पूजन और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। जो भक्त नौ दिन का उपवास रखते हैं, वे महानवमी के दिन व्रत का पारण करते हैं।
