मामूली अपराधो में अब इन लोगों की नहीं होगी सीधे गिरफ्तारी, वजह जान हो जाएंगे हैरान

नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की 35 (7) में प्रविधान किया गया है।

गाँव लहरिया न्यूज / प्रयागराज

सामान्य अपराध में अब बीमार और बुजुर्ग व्यक्ति की गिरफ्तारी सीधे नहीं होगी। मुकदमे की विवेचना करने वाले दारोगा या इंस्पेक्टर को गिरफ्तारी से पहले अपने उच्चाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। अनुमति मिलने पर ही ऐसे आरोपित को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उच्चाधिकारी की अनुमति बिना गिरफ्तारी को वैध नहीं माना जाएगा।

बता दे आम जनता की जानकारी को सुलभ करने के लिए थाना, जिला मुख्यालय पर एएसआइ स्तर के अधिकारी को गिरफ्तार व्यक्तियों के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रविधान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 37 में किया गया है। पुलिस भी छोटे-छोटे अपराध में दबिश देकर बुजुर्ग या बीमार व्यक्ति को तत्काल नहीं गिरफ्तार कर पाएगी।

मुकदमा वादी, पीड़ित को विवेचना की प्रगति बताएगा विवेचक

किसी भी मुकदमे की विवेचना करने वाले विवेचक के लिए यह आवश्यक कर दिया गया है कि वह 90 दिनों के भीतर विवेचना की प्रगति के बारे में वादी मुकदमा और पीड़ित व्यक्ति को बताएगा। ई-मेल या वाट्सएप के जरिए भी प्रगति के बारे में अवगत करा सकता है। इसका प्रविधान भी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 193 (3) में किया गया है।

एसीपी श्‍वेताभ पांडेय ने कहा कि नए कानून में अपराध से संबंधित मामले में बीमार या बुजुर्ग की गिरफ्तारी से पहले डिप्‍टी एसपी से अनुमति लेना आवश्‍यक होगा।

 

Related Articles

Back to top button