भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण: दोपहर 04:41 पर शुरू होगा और 05:22 पर खत्म
पूर्वी भारत को छोड़कर पूरे देश में इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकता है।
सूर्यग्रहण का समय 25 अक्टूबर 2022
सूर्य ग्रहण का प्रारंभ दोपहर में 2 बजकर 29 मिनट।
सूर्य ग्रहण का मध्य काल शाम 4 बजकर 30 मिनट।
ग्रहण समाप्त शाम को 6 बजकर 32 मिनट पर।
सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 3 मिनट है।
भारत में सूर्यग्रहण का मोक्ष होने से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा। इसलिए भारत में सूर्यास्त ही सूर्यग्रहण का मोक्ष माना जाएगा।
ग्रहण का सूतक काल
सूर्ग्रग्रहण का सूतक सूर्य ग्रहण के आरंभ होने से 12 घंटे पहले आरंभ हो जाता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण का आरंभ 25 अक्टूबर को 2 बजकर 29 मिनट होने से ग्रहण का सूतक 24 अक्टूबर दिवाली की रात 2 बजकर 29 मिनट से लग जाएगा। ऐसे में सूर्य दिवाली की रात देवी लक्ष्मी की आराधना और मंत्र जप करना बहुत ही शुभ फलदायी रहेगा। दिवाली की रात सूतक लग जाने के बाद से मंदिर के दरवाजे बंद हो जाएंगे और ग्रहण संबंधी नियमों का पालन, देवी-देवताओं का स्पर्श 24 तारीख की रात से अगले दिन शाम तक नहीं किया जाएगा।
अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 05:03 बजे शुरू हो रही है जो 25 अक्टूबर की शाम 04:34 बजे तक रहेगी। सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को लगेगा। यह ग्रहण आंशिक है जो 2022 का दूसरा होगा। ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की यह ग्रहण भारत के अलावा यूरोप, उत्तर-पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा।भारत में ग्रहण नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, प्रयागराज, मुरादाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, मथुरा आदि शहरों में दिखाई देगा। पूर्वी भारत को छोड़कर पूरे देश में इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकता है। इस ग्रहण से कुछ राशियों पर अच्छा तो कुछ राशियों पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।
किस राशि पर क्या प्रभाव
मेष-स्त्रीपीड़ा
वृष-सौख्य
मिथुन-चिन्ता
कर्क-व्यथा
सिंह -श्री
कन्या-क्षति
तुला-घात
वृश्चिक -हानि
धनु-लाभ
मकर-सुख
कुम्भ-माननाश
मीन-मृत्युतुल्यकष्ट
स्वाती नक्षत्र में लगेगा सूर्य ग्रहण
यह ग्रहण तुला राशि एवं स्वाती नक्षत्र में लग रहा है। अतः इस नक्षत्र के लोग इसे देखने से जरूर बचेंं। आंशिक सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि को शेप में आता है। इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है। बताया जाता है कि इस ग्रहण के दौरान सूर्य और पृथ्वी की दूरी अधिक हो जाती है। इसलिए सूर्य का प्रकाश धरती तक पहुंचने से पहले चन्द्रमा बीच में आ जाता है और सूर्य का कुछ भाग ही नजर आता है। इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं।
सूर्य ग्रहण का समय
सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को दोपहर 4 बजकर 41 मिनट से शाम 5 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
स्पर्श -04:41 PM
मध्य-05:02 PM
मोक्ष-05:22 PM
क्या होता है सूतक काल
धर्म शास्त्र के अनुसार ग्रहण लगने से पहले के समय को अशुभ माना जाता है और इसे ही सूतक काल कहते हैं. सूतक काल में कोई भी मांगलिक काम नहीं होते और ना ही किसी व्यक्ति को इस समय में नए काम शुरू करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व से शुरू हो जाता है, जो ग्रहण खत्म होते ही समाप्त होता है।
सूतक काल में क्या करें और क्या ना करें
सूतक काल में कोई भी शुभ काम को शुरू करने से बचें।
सूतक काल में भगवान की भक्ति करें।
सूतक काल में न ही खाना बनाएं और न ही खाना बनाएं।
अगर खाना बना हुआ रखा है तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रखें।
कहां मान्य नहीं होता सूतक काल
ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकेश शुक्ल के अनुसार अगर कहीं ग्रहण दिखाई नहीं देता है तो वहां सूतक नहीं माना जाता। इस बार भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई दे रहा है तो सूतक मान्य होगा। आंशिक सूर्य ग्रहण का सूतक 04:41 पर शुरू होगा और 05:22 पर खत्म होगा।