सियासी मजबूरी या गणित: आतंकवादी कहने वाले सपा नेता से ‘राजा भैया’ ने कर ली सुलही

MP/MLA कोर्ट विचाराधीन केस राजा भैया अब वापस लेंगे.राजा भैया के वकील न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर मुकदमा वापस लेने का किया निवेदन

राजा भैया ने सपा नेता इंद्रजीत सरोज को माफ किया, मानहानि का केस वापस ले लिया। सपा नेता इंद्रजीत सरोज पर राजा भैया की ओर से मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सपा नेता इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिस पर राजा भैया के कानूनी सलाहकार अधिवक्ता ने इंद्रजीत सरोज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।

जिला कोर्ट मे पहुंचकर वापस लिया मुकदमा

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने सपा नेता इंद्रजीत सरोज के बीच सुलह समझौता हो गया है। राजा भैया ने मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया। राजनीतिक जानकारों की माने तो राजाभैया राजनीती के मझे हुए खिलाड़ी है इस फैसले के पीछे एक बड़ा सन्देश छिपा हुआ हो सकता है। आने वाले वर्षों में जिले में एम एल सी का चुनाव होने वाला है जिसपर जनसत्ता दल की मजबूत दावेदारी रही है वर्तमान में राजा भैया के सबसे करीबी गोपाल जी इस पद पर काबिज है। इस पद पर कब्ज़ा जमाये रखने के लिए अभी से किलेबंदी शुरू हो गई है। ये फैसला सियासी रणनीति का एक हिस्सा भी हो सकता है। कुछ लोग इस फैसले को सियासी मजबूरी तो कुछ सियासी गणित के रूप में देख रहे हैँ।

क्या था मामला

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लेकर शब्दों की मर्यादा लांघकर कौशांबी से महागठबंधन के प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया के खिलाफ मंच से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया को आतंकवादी बताया था। जिसपर राजा भैया के कानूनी सालाहकार ने सपा नेता को 5 करोड़ के मानहानी का मुकदमा दर्ज कराया था।

2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़ी नजदीकी

2024 के लोकसभा चुनाव में भी राजा भैया ने भाजपा को समर्थन न देकर सपा का समर्थन किया था। जिसके असर भी देखने को मिला इस बार इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज सपा से कौशांबी लोकसभा से चुनाव जीत कर सांसद बन गए ऐरोली इसी के साथ राजा भैया और इंद्रजीत सरोज के बीच बात भी बन गई।

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