सदर विधायक ‘राजेंद्र मौर्या ‘ को कोर्ट ने किया तलब, फ्रॉड का लगा है आरोप
चिलबिला स्थित श्री हनुमान मंदिर की ज़मीन विवाद में नया मोड़, पूर्व में जेल भी जा चुके है सदर विधायक
गाँव लहरिया न्यूज़/प्रतापगढ़
श्री हनुमान मंदिर की बहुमूल्य ज़मीन पर कथित कब्ज़े के मामले में न्यायालय ने सदर विधायक राजेंद्र मौर्या सहित अन्य आरोपियों को तलब किया है।
क्या है पूरा मामला?
मामले की जानकारी देते हुए गाँव लहरिया के सूत्र ने बताया कि नगर के रंजीतपुर चिलबिला क्षेत्र में स्थित श्री हनुमान मंदिर की ज़मीन को लेकर विवाद 2012-2013 से चला आ रहा है। आरोप है कि विधायक राजेंद्र मौर्या ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कुछ चंद रुपयों में नुमाइशी इकरारनामा तैयार कर इस भूमि पर कब्ज़ा करने की कोशिश की।मंदिर से जुड़े पदाधिकारियों ने शिकायत की थी कि यह भूमि क्रय-विक्रय के लिए प्रतिबंधित है, इसके बावजूद फर्जी सौदा कर इकरारनामा पंजीकृत करा लिया गया।मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन राजस्व और पुलिस अधिकारियों ने संयुक्त जांच की। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज हुई और जांच के बाद विधायक सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।इस मामले में राजेंद्र मौर्या को पहले भी जेल जाना पड़ा था, लेकिन सुनवाई के दौरान उन्होंने राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार होने की बात कही और आरोप मुक्त करने की अपील की।
कोर्ट का रुख और आगामी सुनवाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार एमपी-एमएलए कोर्ट ने मामले की विस्तृत जांच के बाद प्रारंभिक साक्ष्यों को पर्याप्त मानते हुए विधायक राजेंद्र मौर्या और अन्य अभियुक्तों को 13 फरवरी 2025 को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया है।
सूत्रों की माने तो विधायक राजेंद्र मौर्या ने इस मुकदमे को शासन स्तर से वापस लेने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली। कोर्ट के इस फैसले से विधायक और अन्य आरोपियों को बड़ा झटका लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुकदमे की पैरवी सहायक अभियोजन अधिकारी रमेश पाण्डेय द्वारा की गई।
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