शक्ति साधना सबसे पवित्र पर्व गुप्त नवरात्रि कल से,होती है दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना
चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में पड़ती है
भारतीय सनातन धर्म में शक्ति साधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व नवरात्रि को सनातन धर्म में सबसे पवित्र पर्व माना गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों में कुल चार नवरात्रि का वर्णन है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में पड़ती है। वर्ष 2023 में पहली गुप्त नवरात्रि माघ महीने में आएगी। ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां अम्बे के नौ रूपों की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होती है, जो कि नवमी तक चलती है। इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 22 जनवरी 2023 रविवार से होगी। समापन 30 जनवरी 2023 सोमवार की होग मां दुर्गा को उपासक 9 दिन तक गुप्त तरीके से शक्ति साधना करते हैं
माघ गुप्त नवरात्रि 2023 घटस्थापना मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 जनवरी 2023 को रात्रि 02 बजकर 218मिनट पर आरंभ होगी। 22 जनवरी को ही रात 10 बजकर 25 मिनट पर प्रतिपदा तिथि का समापन भी है। ऐसे में घटस्थापना 22 जनवरी को ही किया जाएगा।
घटस्थापना मुहूर्त – सुबह 10 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 12:45 बजे तक
मीन लग्न शुरू – 22 जनवरी 2023, सुबह 10:03
गुप्त नवरात्रि की तिथियां
प्रतिपदा तिथि- घटस्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा
द्वितीया तिथि – मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तृतीया तिथि – मां चंद्रघंटा की पूजा
चतुर्थी तिथि – मां कूष्मांडा की पूजा
पंचमी तिथि – मां स्कंदमाता की पूजा
षष्ठी तिथि – मां कात्यायनी की पूजा
सप्तमी तिथि – मां कालरात्रि की पूजा
अष्टमी तिथि – मां महागौरी की पूजा
नवमी तिथि – मां सिद्धिदात्री की पूजा
हवन एवं पारण