पट्टी नगर में स्थित काशीराम कालोनियों की दुर्दशा, नगरवासियों का आरोप नगर प्रशासन की शह पर चल रहा खेल

वार्ड नं 5 बीबीपुर ठकुरान में हालत खस्ता, एंगल, खिड़की, दरवाजे, पानी की टंकी तक उठा ले गए चोर

गाँव लहरिया न्यूज़/पट्टी

तत्कालीन मायावती सरकार के अति महत्वाकांक्षी योजना काशीराम आवास योजना जो शहरी गरीबों को अपना आवास देने के विचार से संबंधित थी यूं तो पूर्ण रूप से सफल न हो सकी किंतु प्रतापगढ़ जनपद के पट्टी नगर पंचायत में इसकी दुर्दशा पर काशीराम भी अश्रु बहा रहे होंगे । कभी इन कालोनियों में नशाखोरी, अपराध होने की बातें सामने आती रही हैं तो कभी अवैध कब्जे की । विचारणीय प्रश्न यह है कि महज 2 से 3 किमी में फैले पट्टी नगर में नगर पंचायत प्रशासन की नाक के नीचे हो रही इन घटनाओं पर नगर प्रशासन क्यों नहीं चेत रहा ।

विगत वर्ष बलात्कार की घटना आई थी सामने

विगत वर्ष रायपुर रोड स्थित काशीराम कालोनी में बलात्कार की घटना सामने आई थी, खबर यह भी थी कि नगर में देह व्यापार भी जोर पकड़ रहा है तब मीडिया एवं सामाजिक संगठनों के दबाव में नगर प्रशासन ने अवैध रहवासियों को हटाने के लिए नोटिस चस्पा करने सहित बड़े बड़े दावे किए थे जो कि टॉय टॉय फ़िस्स रहे, तथा स्थिति जस की तस बनी है । इसी प्रकार से नगर के ही बीबीपुर ठकुरान में भी काशीराम कालोनी का निर्माण हुआ था जो वीरान पड़ी है । उस पर भी अवैध कब्जा कायम है, तथा शाम होते ही नशेड़ियों का मेला सज जाता है । जिसके बाबत शिकायत भी की गई किंतु प्रशासन चुप है ।

नगर पंचायत कर्मियों की मिलीभगत से चलता है खेल

सूत्रों की मानें तो पट्टी नगर पंचायत के कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरा खेल चलता है । वे मेज के नीचे से गुपचुप पैसे ले कर ऐसे लोगों को कमरे की चाभी इत्यादि उपलब्ध करा देते हैं तथा बेरोकटोक उपयोग की स्वीकृति दे देते हैं ।

वार्ड नं 5 बीबीपुर ठकुरान में हालत खस्ता, एंगल, खिड़की, दरवाजे, पानी की टंकी तक उठा ले गए चोर

नगर के वार्ड नं 5 बीबीपुर ठकुरान में तो काशीराम कालोनी की स्थिति बाद से बदतर है । एक तरफ जहां लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है वहीं कब्जाधारियों द्वारा कालोनी के एंगल, खिड़की, दरवाजे, पानी की टंकी, टोटी, इत्यादि निकाल कर कबाड़ में बेच दिए गए हैं । कमरों में भूसा इत्यादि भर के रखा गया है तो नशे का अड्डा भी शाम होते ही सज जाता है । सूत्रों ने बताया कि नगर प्रशासन को कई बार इस बाबत शिकायती प्रार्थना पत्र भी दिया गया किंतु कर्मचारियों की मिलीभगत होने के कारण सदा ही मामले को दबाने के प्रयास में रहते हैं ।

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