वेद भारती आश्रम में दो दिवसीय चतुर्वेद शतकम परायण यज्ञ का हुआ समापन,आचार्य राम महेश मिश्र ने आश्रम की भावी परिकल्पना प्रस्तुत की

हमारे पूर्वज देवशक्तियों तक पहुंचने व उनकी कृपा पाने का सबसे सशक्त माध्यम -डॉ. हरीश अग्रवाल

सर्वगुण व क्षमता से सम्पन्न भारत का गुलाम बनना इतिहास की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना -आचार्य विवेक वरुण

मिलक-रामपुर, 26 मार्च। यहाँ हल्द्वानी-नैनीताल की तलहटी में स्थित क्रिमचा गाँव में स्थापित हो रहे ‘वेद भारती आश्रम’ में बीते दो दिनों से चल रहे ‘चतुर्वेद शतकम परायण यज्ञ’ का विधिवत समापन हो गया। किशन शान्ति फाउंडेशन और भाग्योदय फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से शुरू होने जा रहा यह आश्रम शनै: शनै: अपना विस्तार लेता जा रहा है।

चतुर्वेद शतकम परायण यज्ञ के समापन अवसर पर यज्ञ के मुख्य आचार्य विवेक वरुण ने कहा कि सर्वगुण व क्षमता से सम्पन्न भारतवर्ष का गुलाम बनना और दीर्घकाल तक पराधीन बने रहना इतिहास की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होंने वेदों की शक्ति एवं सामर्थ्य का विस्तार से वर्णन किया। चारों वेदों के कुल 400 मंत्रों से आहुतियाँ यहां दी गयीं। आचार्य विवेक वरुण ने अनेक वेदमंत्रों के वैज्ञानिक, व्यावहारिक एवं सामाजिक प्रतिपादन प्रस्तुत किये। इस अवसर पर आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती व गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि आचार्य श्रीराम शर्मा को विशेष रूप से याद किया गया।

वेद भारती आश्रम के कल्पनापुरुष डॉ हरीश अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि देव शक्तियों तक पहुंचने और उनका आशीर्वाद एवं कृपा पाने का सशक्त माध्यम हमारे पूर्वज अर्थात पितर होते हैं। अपने पिताश्री किशन लाल अग्रवाल एवं माता श्रीमती शांति देवी के नाम पर बने ‘किशन शांति फाउंडेशन’ के अध्यक्ष एवं लखनऊ स्थित निर्वाण अस्पताल के सीएमडी डॉ. अग्रवाल ने यज्ञ में पधारे सभी यज्ञार्थियों, ज्ञान-जिज्ञासुओं एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई दी। डॉ. शुभ्रा अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत भजन को सबकी सराहना मिली। इस मौके पर वेद भारती आश्रम में ‘सूर्य मन्दिर’ के निर्माण को संकल्पित गिरिराज खंडेलवाल का विशेष सम्मान किया गया।

भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने वेद भारती आश्रम की भावी कार्ययोजना प्रस्तुत की। इन योजनाओं में यज्ञीय संस्कृति का विकास, आध्यात्मिक गतिविधियां, विद्या विस्तार, शैक्षिक कार्यक्रम, शास्त्र व शस्त्र ज्ञान, स्वास्थ्य संवर्धन, वैदिक खेती अमृत सरोवर, अमृत वन, औषधि वाटिका, मोटे अनाज की कृषि, वानप्रस्थ सेवा आदि प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि 20 एकड़ से अधिक ग्राम्य अंचल में फैला वेद भारती आश्रम प्लास्टिक से पूर्णतया मुक्त होगा। श्री मिश्र ने देश की मिट्टी से बनने वाले उत्पादों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि माटी कला केन्द्र के उत्पाद आश्रम परिसर में उपलब्ध होंगे। इस अवसर पर उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के रामपुर जिलाध्यक्ष अभय गुप्ता ने किशन शांति फाउंडेशन एवं भाग्योदय फाउंडेशन की इस परिकल्पना को सराहा और अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

गुरुकुल क्रांति अभियान के कल्पनापुरुष एवं बंगलुरु (कर्नाटक) में सेवारत युवा रक्षा वैज्ञानिक हिमांशु प्रसाद ने वेद भारती आश्रम में स्थापित होने जा रहे भावी गुरुकुल के बारे में उपस्थित जनमानस को जानकारी देते हुए इस अभियान की सफलता की कामना की। धनेली पूर्वी से आए स्वामी दर्शनानन्द जी महाराज ने आयोजकों को शुभकामनाएं देते हुए उनका समुचित मार्गदर्शन किया।

यज्ञ अनुष्ठान के इस समारोह में आचार्य मयंक पाठक, आचार्य विशाल यादव, डॉ. हनु अग्रवाल, डॉ. प्रांजल अग्रवाल, नवीन पांडेय, ईश्वरी प्रसाद आर्य, देवेंद्र अग्रवाल, कमल अग्रवाल, योगेश मिश्र, वीरेंद्र गुप्ता, अरुण कुमार आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

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