कल है शनि जन्मोत्सव, बन रहे शुभ योग

शुक्रवार शनि जयंती वट सावित्री व्रत ,गजकेसरी योग, शोभन योग, शश योग ,अमावस्या एक साथ मनाई जाएगी, शनिदेव हुए वक्र 4 नवंबर तक चलेंगे उल्टी चाल

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव न्यायप्रिय देवता हैं, शनि देव भगवान सूर्य और छाया के पुत्र माने जाते हैं, वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि को पापी ग्रह माना जाता है शनिग्रह सबसे धीमी चाल चलने बाले ग्रह है, जिसको शनि की ढैय्या कहा जाता है आइए जानते हैं कि शनि जन्मोत्सव पर कौन सा दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है… अपने कुंभ राशि में विराजमान है इससे चार राशियां मेष, मिथुन, सिंह, को अमावस्या पर बहुत ही शुभ फल देने वाले है, शनि जयंती पर शनि देव सभी पर प्रसन्न रहते हैं जो भी राशियां शनि से पीड़ित हैं शनि की साढ़े साती ढैया है तो उन्हें शनि जयंती पर शनिदेव को प्रसन्न करना चाहिए कर्क वृश्चिक मकर कुंभ मीन यह राशियां है जिन पर शनि की साढ़ेसाती ढैया चल रही
है.
मेष राशि शनि देव पहले भाव को देखेंगे मित्रों से उच्च अधिकारियों से सहयोग प्राप्त होगा कुछ नया व्यवसाय शुरू कर सकते हैं बैंकिंग मशीनरी कार्यों में लाभ मिलेगा भाग्य का साथ मिलेगा.

मिथुन राशि नवम भाव में गुरु का गोचर 11वीं भाव में आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी नौकरी में प्रमोशन वेतन वृद्धि के योग बनेंगे.

सिंह राशि गजकेसरी योग से धन लाभ की संभावना है परिवार में सुख समृद्धि खुशहाली भाग्य का साथ मिलेगा
कुम्भ, राशि में राजयोग यश नाम का बन रहा है आप की मेहनत रंग लाएग आत्मविश्वास भरपूर रहेगा सभी रुके हुए कार्य बनेंगे.

शनि जन्मोत्सव इस बार 19 मई को

शुक्र व सूर्य के पुत्र शनिदेव देवों के न्यायधीश, कर्मफलदाता और दंडधिकारी भी हैं, ऐसा कहा जाता है कि जिसके ऊपर शनिदेव की कुपित दृष्टि हो, वह व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है शनि जन्मोत्सव पर शुभ योगों का होना शुभ है.इस बार की शनि देव जन्मोत्सव बेहद खास माना जा रही है, शनि जन्मोत्सव के दिन इस बार शोभन योग का निर्माण होने जा रहा है, उसी दिन चंद्रमा गुरु के साथ मेष राशि में विराजमान होंगे, इससे गजकेसरी योग का निर्माण होगा, शनि अपनी कुंभ राशि में विराजमान होकर शशयोग का निर्माण करेंगे.। चंद्रमा मेष राशि में गुरु के साथ गजकेसरी योग. 18 मई को शाम शोभन योग 19 मई की शाम 7:37 तक रहेगा वही सनी अपनी कुंभ राशि में विराजमान होकर शश योग का निर्माण करेंगे.

मंत्र जाप, स्तोत्र पाठ और शनि दान शुभ रहेगा

इन मंत्रों के जाप से शनिदेव प्रसन्न भी होंगे और जीवन के संकट भी दूर होंगे, शनि जन्मोत्सव पर शाम को पश्चिम दिशा की ओर एक दीपक जलाएं, इसके बाद शनि मंत्रों का जाप करे “ॐ शं शनैश्चराय नमः” ॐ प्रां प्रीं प्रों सह: शनये नमः, ॐ नीलांजनसमाभामसं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामार्त्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम” शनि चालीसा, या शनि स्तोत्र का पाठ या मंत्र का जाप करने से भी शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है. इस दिन शनि देव की वस्तुओं का दान शुभ रहेगा. सरसों के तेल में अपनी छाया दान करें किसी मिट्टी के बर्तन में या कांसे का बर्तन हो पीपल के पेड़ के नीचे भी रख कर आ सकते हैं या किसी शनि मंदिर में जाकर के तेल चढ़ा दीजिए काली उड़द गुड़ का दान भी जरूरतमंदों को करें पीपल के वृक्ष की पूजा करें काले तिल डालकर के शाम के समय घी का दीपक लगाएं का और उसमें काले तिल जरूर डालें गरीबों की बेसहारा लोगों की मदद करें उन्हें सताए नहीं खाना भी खिलाएं.

यह लेख ज्योतिर्विद अंजू मोहनिया ने भेजा है. अंजू मोहनिया ज्योतिष  मामलों की जानकार हैं.

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